Talk of China : हाल में कुछ यूरोपीय और अमेरिकी राजनयिकों और मीडिया संस्थाओं ने फिर एक बार तथाकथित चीन की अतिक्षमता का प्रचार किया और इस आरोप का नवीन ऊर्जा उद्योग से लेकर अधिक औद्योगिक श्रेणियों तक विस्तार किया। इसके जवाब में यूरोपीय संघ स्थित चीनी प्रतिनिधिमंडल के मिनिस्टर फंग कांग ने 23 दिसंबर को प्रसिद्ध यूरोपीय मीडिया “ईयू न्यूज़” पर लेख प्रकाशित किया। लेख में कहा गया है कि यह आरोप वस्तुगत तथ्यों के अनुरूप नहीं है और बाजार अर्थव्यवस्था के नियमों का उल्लंघन भी है।
लेख में कहा गया है कि हाल के वर्षों में चीन नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों का तेज विकास कर रहा है। नवाचार क्षमता की उन्नति, पूर्ण औद्योगिक व आपूर्ति श्रृंखला के समर्थन और विशाल घरेलू बाजार पर निर्भर रहते हुए चीन दुनिया में हरित परिवर्तन में एक प्रमुख शक्ति बना। यूरोपीय विचारशील व्यक्तियों का मानना है कि हरित क्षेत्र में चीन की “अतिक्षमता” वाली बात बिलकुल बेहूदा है।
वास्तव में अमेरिका, यूरोप और जापान आदि विकसित देश लंबे समय से विश्व बाजार में अपने उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं। अमेरिका में उत्पादित 80 प्रतिशत चिप्स निर्यात किए जाते हैं और जर्मनी व जापान में उत्पादित कारों का क्रमशः 80 प्रतिशत और 50 प्रतिशत भी निर्यात किया जाता है। वहीं, वर्ष 2023 में चीन के नवीन ऊर्जा वाहन के कुल उत्पादन में निर्यात का अनुपात सिर्फ 12.7 फीसदी था। यदि विकसित देशों द्वारा बेहतर उत्पादों के निर्यात को सामान्य और उचित मानते हैं, लेकिन चीन जैसे उभरते देशों पर “अतिक्षमता” का आरोप लगाते हैं, तो यह बिलकुल विरोधाभास और दोहरे मापदंड की मिसाल है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)