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तंग श्याओ फिंग की नीतियों ने बदला चीन का भविष्य, माने जाते हैं ‘आधुनिक चीन के वास्तुकार’

चीन ने 22 अगस्त को अपने नेता तंग श्याओ फिंग की 120वीं जयंती मनाया. आज दुनिया में चीन एक महाशक्ति के रूप में जाना जाता है, उसे इस ऊंचाई तक पहुंचने में बहुत उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरना पड़ा है. लेकिन एक मजबूत अर्थव्यवस्था वाले चीन के इस सफर में क्रांतिकारी नेता तंग श्याओ फिंग.

चीन ने 22 अगस्त को अपने नेता तंग श्याओ फिंग की 120वीं जयंती मनाया. आज दुनिया में चीन एक महाशक्ति के रूप में जाना जाता है, उसे इस ऊंचाई तक पहुंचने में बहुत उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरना पड़ा है. लेकिन एक मजबूत अर्थव्यवस्था वाले चीन के इस सफर में क्रांतिकारी नेता तंग श्याओ फिंग का अहम योगदान रहा है. तंग श्याओ फिंग न केवल क्रांतिकारी बल्कि सुधारवादी नेता थे, जिन्होंने माओत्से तोंग के बाद चीन की बागडोर संभाली थी. उन्होंने अपने कार्यकाल में चीन को बाजारवादी अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ाया.

आधुनिक चीन का वास्तुकार’

आज के दौर में दुनियाभर में चीनी सामान का बोलबाला, चीनी कंपनियों का दबदबा और चीन के प्रोडक्ट की जो मांग उसे वैश्विक बाजार में आगे रखती है, उसमें तंग श्याओ फिंग की सुधार और खुलेपन नीतियां आज चीन को फायदा दे रही हैं. इसलिए उन्हें ‘आधुनिक चीन का वास्तुकार’ भी कहा जाता है. उन्होंने चीन की बागडोर संभालने के बाद बाजार और अर्थव्यवस्था में सुधार की एक लंबी श्रृंखला चलाई थी. जिसके चलते चीन आर्थिक रूप से फिर सक्षम हो गया और आज दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है.

चीन को दुनियाभर में मिली पहचान

दरअसल, तंग श्याओ फिंग ने एक ऐतिहासिक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मन को मुक्त करो, तथ्यों से सत्य की खोज करो और भविष्य का सामना करना के लिए एकजुट हो जाओ’ उनके इस भाषण ने चार दशकों के सुधारों को गति दी जिसने चीन को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बदल दिया चुका है. जबकि अगले दशक में कुछ समय तक चीन दुनिया के उन कुछ देशों में से एक होगा जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से कम आय से उच्च आय की स्थिति में परिवर्तित हो चुके होंगे. तंग श्याओ फिंग की नीतियां आज भी चीन के लिए फायदेमंद मानी जाती है. जिसके चलते दुनियाभर में चायना को अलग पहचान मिली.

खुलपेन की नीतियां और सरलीकरण

तंग श्याओ फिंग ने सबसे पहले चीन में बाजार का सरलीकरण किया. उन्होंने सुधार और खुलेपन की नीतियों को तेजी से बढ़ावा दिया. जिससे न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी बाजार खोले और उद्योग लगाने के लिए सरकार की तरफ भी योजनाएं चलाई और योजनाओं को लाभ दिया, जिससे चीन में बाजार तेजी से खुले और दुनियाभर में चीन के बाजारों की धमक शुरू हो गई. इसके अलावा चीन के जो उद्योग बंद हो गए थे उन्हें फिर से जीवित कराया जिसका फायदा अर्थव्यवस्था को हुआ. चीन का बाजार दुनियाभर के लिए तेजी से खुला जिससे चीनी में आयात-निर्यात तेजी से बढ़ा और दुनियाभर में चीनी प्रोडक्ट पसंद किए जाने लगे. ऐसे में चीन की आर्थिक स्थिति को बहुत ज्यादा फायदा हुआ, विदेशी व्यापार और निवेश के लिए चीन में तेजी से बाजारवाद को बढ़ावा मिला, जिसका सबसे ज्यादा फायदा चीन की अर्थव्यवस्था को हुआ और चीन एक विकसित देश की तरफ आगे बढ़ गया.

चीन में नौकरियां और रोजगार

चीन में तंग श्याओ फिंग ने सुधार और खुलेपन की नीतियों को जो बढ़ावा दिया उससे धीरे-धीरे चीन की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई. जिससे चीन में रोजगार तेजी से बढ़ा और इससे न केवल शहरी इलाकों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी नौकरियां उपलब्ध हुई. जब अर्थव्यवस्था विकासशील हुई तो चीन की आधी से ज्यादा परेशानियां पूरी तरह से दूर हो गई. क्योंकि तंग श्याओ फिंग का चीन के बाजार को बाकी दुनिया के लिए खोलना एक ऐतिहासिक फैसला चीन के लिए साबित हुआ, जिसकी फसल आज भी यह देश काट रहा है.

तेजी से बढ़ता चीन

तंग श्याओ फिंग की नीतियों का असर आज के चीन में दिखता है, क्योंकि वर्तमान चीन में आर्थिक विकास के साथ सामाजिक बदलाव के दौर से भी गुजर रहा है, चायना आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. पश्चिमी देशों की तुलना में चीन भी हर मोर्चे पर मजबूती से खड़ा है. टेक्नोलॉजी, बेहतर इंफ्रास्ट्रकचर, आर्थिक विकास, इंडस्ट्री चेन के मामले में चीन कई देशों को पीछे छोड़ चुका है. दुनियाभर की कंपनियां आज चायना में निवेश कर रही हैं. चीन में यह विकास कई प्रयासों के जरिए सामने आया है, जिसमें फाइनेंस, टैक्सेशन और टेक्नोलॉजी में इनोवेशन वृद्धि के साथ-साथ एनईवी उत्पादों की रिसर्च और डेवलपमेंट की पहल शामिल है. सरकारी आंकड़ों के हिसाब चायना में लोगो की औसतन आय तेजी से बढ़ रही है. खास बात यह है कि समय के साथ चीन ने भी अपनी आर्थिक नीतियों में बड़े बदलाव किए हैं, जिसका फायदा चायना को मिल रहा है. आने वाले कुछ सालों में चीन की अर्थव्यवस्था अलग स्तर पर होगी, जिसमें तंग श्याओ फिंग का जिक्र हमेशा होगा.

(लेखक—दिव्या तिवारी)

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