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चीन में जल व वायु गुणवत्ता में हो रहे व्यापक सुधार ने जगाई उम्मीद

चीन में पर्यावरण संरक्षण और कम कार्बन को लेकर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही चीन में लगातार हरित क्षेत्रों का विस्तार हो रहा है। पेइचिंग से सटे हबेई प्रांत के सैनहानपा कृत्रिम वन क्षेत्र का कायाकल्प कर चीन ने दुनिया को आश्चर्य में डाला। यह पूरा इलाका पहले रेगिस्तान था, लेकिन चीन सरकार व स्थानीय विभागों ने इसे हरे-भरे जंगल में बदल दिया है।

इतना ही नहीं, चीन में शहरों में कम कार्बन और हरित क्षेत्र स्थापित करने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके तहत पार्क बनाए जा रहे हैं। इसके कारण, चीन की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार देखा गया है। चीन की एयर क्वालिटी आदि में हो रहे सुधार को लेकर हाल में जारी आंकड़ों से भी इसकी पुष्टि होती है।

बताया जाता है कि इस साल की पहली तीन तिमाहियों में चीन की वायु गुणवत्ता और सतही जल गुणवत्ता में काफी सुधार देखा गया है। चीन के पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्रालय ने इसका ऐलान किया है। जिससे यह पता चलता है कि चीन इस दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे चीन में प्रीफेक्चर स्तर और उससे ऊपर के लगभग 339 शहरों में छह प्रमुख प्रदूषक संकेतकों में से चार में स्पष्ट कमी दर्ज की गयी है। ये प्रदूषक संकेतक हैं पीएम 2.5, पीएम 10, ओजोन और नाइट्रोजन ऑक्साइड।

जबकि अन्य दो संकेतकों सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर स्थिर बना हुआ है। ध्यान रहे कि इस साल की पहली तीन तिमाहियों में पीएम 2.5 की औसत सांद्रता 27 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी। जिसमें साल दर साल 3.6 फीसदी की कमी आयी है। वहीं, पीएम 10 की औसत सांद्रता 47 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर आंकी गयी, जिसमें 7.8 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी।

इतना ही नहीं, चीन के कई शहरों में इस दौरान अच्छी वायु गुणवत्ता वाले दिनों का अनुपात औसतन 85.8 प्रतिशत था। जबकि भारी प्रदूषण या उससे भी बदतर दिनों का अनुपात औसतन सिर्फ 1.1 प्रतिशत रहा, जिसमें साल दर साल 0.7 फीसदी की कमी देखी गयी है। चीन में वायु गुणवत्ता में लगातार हो रहा सुधार एक उत्साहजनक खबर है।

वहीं, सतही जल गुणवत्ता के बारे में 3,600 से अधिक राष्ट्रीय मूल्यांकन खंडों में से उत्कृष्ट जल गुणवत्ता वाले खंडों का अनुपात 88.5 फीसदी था। जिसमें पिछले साल की तुलना में 1.4 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। कहा जा सकता है कि चीन में वायु और जल गुणवत्ता में सुधार एक अच्छा संकेत है। दुनिया के अन्य देश भी चीन के अनुभव से बहुत कुछ सीख सकते हैं।

गौरतलब है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग कई बार जलवायु परिवर्तन की वैश्विक समस्या से निपटने के लिए सभी देशों से एकजुट होने का आह्वान कर चुके हैं। इसके अलावा भी वह समय-समय पर प्राकृतिक संरक्षण से जुड़े स्थलों का दौरा कर निरीक्षण करते हैं। इससे पता चलता है कि चीन सरकार कम कार्बन और पर्यावरण संरक्षण को व्यापक महत्व देती है।

इस संबंध में चीन संबंधित कंपनियों और विभागों को प्रोत्साहित करता रहता है। इससे जाहिर है कि चीन देश व दुनिया की जलवायु को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि वैश्विक स्तर पर समस्या का समाधान निकालने के लिए विभिन्न देशों, विशेषकर विकसित देशों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

(अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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