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फेंटेनाइल संकट की कोई सीमा नहीं, सहयोग ही एकमात्र रास्ता है

3 मार्च को अमेरिका सरकार ने फेंटेनाइल जैसे मुद्दे के बहाने चीनी वस्तुओं पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की।

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इंटरनेशनल डेस्क: 3 मार्च को अमेरिका सरकार ने फेंटेनाइल जैसे मुद्दे के बहाने चीनी वस्तुओं पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की। 4 तारीख़ को चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय ने “फेंटेनाइल जैसे पदार्थों पर चीन के नियंत्रण” पर एक श्वेत पत्र जारी किया, जिसमें कुछ पश्चिमी नेताओं के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए विस्तृत डेटा का उपयोग किया गया। श्वेत पत्र के मुताबिक चीन ने 2019 से फेंटेनाइल जैसे पदार्थों पर व्यापक नियंत्रण लागू किया है और यह कार्रवाई दुनिया के अन्य देशों से आगे है।

खास तौर पर, जनवरी 2024 में चीन-अमेरिका एंटी-ड्रग कोऑपरेशन वर्किंग ग्रुप के लॉन्च होने के बाद से, चीन और अमेरिका ने एक-दूसरे से जुड़े कई मामलों को संयुक्त रूप से सुलझाया है। एंटी-ड्रग सहयोग के कई पहलुओं में उपलब्धियां सभी के लिए स्पष्ट हैं और अमेरिका में सभी क्षेत्रों के लोगों ने बार-बार चीन के प्रति आभार व्यक्त किया है।

वास्तव में, अमेरिका में फेंटेनाइल समस्या इतनी गंभीर होने के लिए कभी भी बाहरी कारक जिम्मेदार नहीं रहा है। अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में फेंटेनाइल ओवरडोज से होने वाली मौतों की संख्या 2024 में 82,000 तक पहुंच गयी, जो एक रिकॉर्ड है। लेकिन यह बात कम ही लोगों को पता है कि 76 फीसदी फेंटानिल गोलियां अमेरिका में घरेलू दवा कारखानों में बनाई जाती हैं। जब अमेरिकी नेता चीन पर दोष मढ़ रहे हैं, तब टूटे हुए परिवार नशीली दवाओं के कारण होने वाली अंतहीन पीड़ा से पीड़ित हैं।

अब अमेरिका ने विश्वासघात करके शीत युद्ध की मानसिकता को पुनः शुरू किया, जिसने अपने हाथों से सहयोग के पुल को नष्ट किया है। अमेरिका में फेंटेनाइल दवाओं का व्यापक प्रसार, आखिरकार, अमेरिका के अपने अप्रभावी उपायों और ढीले नियंत्रण का परिणाम है। ट्रम्प प्रशासन ने पिछले कुछ वर्षों में फेंटेनाइल पर चीन-अमेरिका सहयोग के सकारात्मक परिणामों को नजरअंदाज किया है। और चीन पर दोष मढ़ना न केवल अमेरिका की अपनी नशीली दवाओं की समस्या को हल करने में विफल रहेगा, बल्कि नशीली दवाओं के नियंत्रण के क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच संवाद और सहयोग को भी गंभीर रूप से कमजोर करेगा।

वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग ही एकमात्र रास्ता है। अमेरिका को राजनीतिक चालाकी बंद करनी चाहिए और घरेलू नशीली दवाओं पर नियंत्रण की जिद्दी समस्या का सामना करना चाहिए। जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जोर दिया है: “फेंटेनाइल संकट की कोई सीमा नहीं है।” जब सभी पक्ष शून्य-योग खेल मानसिकता को छोड़ेंगे और तर्कसंगत बातचीत पर लौटेंगे, तभी वे वैश्विक नशीली दवाओं के नियंत्रण के लिए वास्तव में अनुकूल सहकारी वातावरण बनाने में सफल होंगे।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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