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माओ त्सेतुंग की स्मृति का युगांतर महत्व

26 दिसंबर को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी ने पेइचिंग में माओ त्सेतुंग के जन्म की 130वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक स्मृति बैठक की ।इस मौके पर सीपीसी केंद्रीय कमेटी के महासचिव शी चिनफिंग ने भाषण देकर बताया कि चीनी आधुनिकीकरण से शक्तिशाली देश का निर्माण और राष्ट्रीय पुनरोत्थान चौतरफा तौर पर बढ़ाना माओ त्सेतुंग जैसे नेताओं का अपूर्ण कार्य है । माओ त्सेतुंग को सच्ची श्रद्धांजलि उन से प्रवर्तक कार्यों को आगे बढ़ाना है ।
माओ त्सेतुंग के देहांत को 47 साल बीत चुके हैं ।लेकिन चीनी जनता कभी भी इस महान नेता को नहीं भूलती ।माओ त्सेतुंग ने चीनी आधुनिक इतिहास की दिशा बदली ,जो चीन का प्रतीक बन गया ।
स्मृति समारोह पर शी चिनफिंग ने कहा कि माओ त्सेतुंग ने नये चीन की स्थापना की ,जिस में जनता असली मालिक है ।उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी व्यवस्था का निर्माण किया ।स्थानीय विशेषज्ञों के विचार में चीनी आधुनिकीकरण के रास्ते की खोज में माओ त्सेतुंग ने ऐसी मानसिकता तोड़ दी है कि आधुनिकीकरण का अर्थ पश्चिमीकरण है ।माओ के विचार में स्वतंत्रता और व्यावहारिकता का पक्ष आज तक भारी मार्गदर्शक महत्व रखता है ।
चीन के विभिन्न वर्गों और समुदायों के लिए माओ त्सेतुंग की स्मृति का मुख्य कारण है कि उनके व्यक्तिगत आकर्षण के अलावा उन से जन सेवा का विचार प्रस्तुत किया गया ,जो सीपीसी का मूल उद्देश्य है ।यही सीपीसी के लंबे समय तक शासन करने का राज है ।माओ के जन सेवा विचार के आधार पर शी चिनफिंग का जन केंद्रित विकास एक नई अवधारणा बन गया ।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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