Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

इंटरनेट ही मानव साझा भाग्य वाले समुदाय की अभिव्यक्ति है

चीनी नेता के द्वारा प्रस्तुत साझा भाग्य वाले समुदाय की अवधारणा को दुनिया भर में व्यापक मान्यता प्राप्त है। आधुनिक काल में, चाहे कोई व्यक्ति पृथ्वी पर कहीं भी रहता हो, वह अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में परिवर्तन के प्रभाव से बच नहीं सकता। दुनिया एक संपूर्ण है, और किसी भी देश के लोग ठकराव और संघर्षों से नहीं बच सकते। उधर इंटरनेट जो पिछली शताब्दी के अंत में उभरना शुरू हुआ, पूरी तरह से साझा भाग्य वाले समुदाय की विशेषताओं का प्रतीक है।

नेटवर्क सूचना के अंतर्संचार को बढ़ता है। नेटवर्क सुविधाओं के निर्माण से विभिन्न देशों, विभिन्न क्षेत्रों और लोगों के विभिन्न समूहों के बीच की दूरी को लगातार कम किया गया है। चीन आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सूचना और डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए “इंटरनेट+” के निर्माण को सख्ती से बढ़ावा देता है। वर्तमान में, चीन के ब्रॉडबैंड नेटवर्क ने सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को कवर किया है, और देश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की कुल संख्या 1.05 बिलियन तक पहुंच गई है। चीन की डिजिटल अर्थव्यवस्था का पैमाना 2021 में 45.5 ट्रिलियन युआन तक पहुंच गया, जो सकल घरेलू उत्पाद का 39.8 प्रतिशत है। डिजिटल अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मुख्य इंजनों में से एक बन गई है। उधर चीन हमेशा मानव जाति के साझा भाग्य वाले समुदाय की अवधारणा का पालन किया करता है, और वैश्विक नेटवर्क बुनियादी ढांचे के निर्माण को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने को तैयार है, ताकि अधिक विकासशील देश और लोग नेटवर्क विकास के अवसरों का आनंद उठा सकें। “डिजिटल चीन” का निर्माण दुनिया भर के उद्यमों के लिए एक व्यापक बाजार स्थान प्रदान करेगा।

सूचना और डिजिटल प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, नेटवर्क पहले ही विनिर्माण सहित विभिन्न उद्योगों में प्रवेश कर चुका है। हालाँकि, नेटवर्क के उपयोग में, सुरक्षा मुद्दे सबसे अधिक ध्यान देने योग्य हैं। साइबर सुरक्षा एक वैश्विक चुनौती है और साइबर सुरक्षा को बनाए रखना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की साझा जिम्मेदारी है। सूचना प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए और इंटरनेट पर विभिन्न अपराधों और हमलों का विरोध करना चाहिए। इंटरनेट एक अंतरराष्ट्रीय साझा स्थान है, और इंटरनेट नियमों को एक या कुछेक देशों के द्वारा निर्धारित नहीं किया जाना चाहिए। अधिकांश देशों की इच्छाओं और हितों को दर्शाते हुए, इंटरनेट प्रशासन प्रणाली निष्पक्ष और उचित होनी चाहिए। इस उद्देश्य के लिए, साल 2014 से चीन ने लगातार नौ वर्षों तक विश्व इंटरनेट सम्मेलन आयोजित किया है, वैश्विक इंटरनेट साझाकरण और शासन मंच बनाने का प्रयास किया है, और इंटरनेट के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया है।

वर्तमान में, वैज्ञानिक और तकनीकी क्रांति का एक नया दौर गहराई से आगे बढ़ रहा है। इंटरनेट क्षेत्र में असंतुलित और अनुचित विकास जैसी समस्याएं तेजी से प्रमुख हो गई हैं, और साइबर आधिपत्य दुनिया के लिए नए खतरे बन गए हैं। चीन व्यापक परामर्श, संयुक्त योगदान और साझा लाभों की नेटवर्क प्रशासन अवधारणा का पालन करता है, और एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित, खुले, सहकारी और व्यवस्थित साइबर स्पेस के निर्माण को बढ़ावा देता है। चीन का मानना है कि सभी देशों, बड़े या छोटे, मजबूत या कमजोर, अमीर या गरीब, को अंतरराष्ट्रीय नियमों और व्यवस्था की स्थापना में समान रूप से भाग लेने का अधिकार है। इंटरनेट पर सभी देशों के लोगों को समान अधिकार प्राप्त होना चाहिए। इसी विचार पर चीन ने 81 देशों और क्षेत्रों में 274 कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया संगठनों के साथ “सीएनसीईआरटी इंटरनेशनल पार्टनर्स” संबंध स्थापित किया है।

दुनिया लंबे समय से समान नियति का एक समुदाय रही है जिसमें सभी लोग शामिल हैं। मानव जाति के समान नियति वाले समुदाय में, सभी लोग एक साथ काम करना चाहिये। कुछ देशों द्वारा अपने स्वयं के मानकों को दूसरों पर थोपने, “छोटे गठबंधन” की स्थापना करने और टकराव पैदा करने की प्रथाओं से वैश्विक इंटरनेट के स्थिर विकास को गंभीर रूप से प्रभावित होगा। साइबरस्पेस मानव जाति का आम घर है। इंटरनेट ने दुनिया को एक गांव में बदल दिया है, और सभी देशों के लोग आपस में जुड़े हुए हैं और उनके हित भी निकटता से संबंधित हैं।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Exit mobile version