अंतर्राष्ट्रीय शांति की भावना निहित है 21 सितंबर के दिवस में

हर वर्ष 21 सितंबर को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस या विश्व शांति दिवस मनाया जाता है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित किया गया था। इस दिन का मुख्य उद्देश्य अहिंसा और शांति की स्थापना से है, साथ ही दुनिया में हर जगह संघर्ष विराम रहे और शांति के आदर्शों के.

हर वर्ष 21 सितंबर को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस या विश्व शांति दिवस मनाया जाता है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित किया गया था। इस दिन का मुख्य उद्देश्य अहिंसा और शांति की स्थापना से है, साथ ही दुनिया में हर जगह संघर्ष विराम रहे और शांति के आदर्शों के रास्ते पर चलने को हर देश प्रेरित हो, यही इस दिवस की मुख्य भावना रही है। आज से 42 वर्ष पहले 1981 में इस दिवस की स्थापना की गई थी और वर्ष 1982 से लगातार हर वर्ष 21 सितंबर के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी 193 देश इस दिवस को विश्व शांति दिवस के रुप में मनाते हैं। शुरुआत के 19 वर्षों तक इस दिवस को सितंबर के तीसरे तीसरे मंगलवार के दिन मनाया जाता था क्योंकि उसी दिन से संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली की वार्षिक बैठक की शुरुआत होती है। लेकिन फिर वर्ष 2001 से अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की तिथि को 21 सितंबर ही तय कर दिया गया।

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में 19 सितंबर को वर्ष 2023 की संयुक्त राष्ट्र संघ की 78वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की सामान्य बहस की शुरुआत के मौके पर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी अपने उद्बोधन के दौरान इस बात को रेखांकित किया कि आज दुनिया भर में शांति की बहुत अधिक ज़रूरत है और दुनिया के कई हिस्सों में आज भी शांति की स्थापना नहीं हो पाई है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने भूराजनैतिक तनावों और वैश्विक गंभीर चुनौतियों की ओर भी इशारा किया। कुल मिलाकर उनके संदेश में अंतर्राष्ट्रीय शांति का संदेश निहित था। लिहाजा ये दिन हर देश एवं दुनिया भर के नागरिकों को इस बात की याद दिलाता है कि शांति के साथ किए गए विकास कार्यों की आयु बहुत लंबी होती है और किसी भी तरह के संघर्ष से मानव जाति, देशों और आने वाली पीढ़ी को काफी नुकसान पहुंचता है। अंतर्राष्ट्रीय शांति के दूत के रुप में कबूतर को दुनिया भर में मान्यता है, साथ ही जैतून की डाली को मुंह में थामे कबूतर को शांति का प्रतीक माना गया है। इस दिवस पर न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्य कार्यालय में घंटी बजाने की भी परंपरा है, इसे शांति घंटी भी कहा जाता है। इस दिवस पर मतभेदों से ऊपर उठते हुए बातचीत और शांति की अपील की जाती है, साथ ही शांति के लिए प्रतिबद्ध और शांति की संस्कृति का निर्माण करने की भी सीख दी जाती है।

इस वर्ष विश्व शांति दिवस की थीम “शांति के लिए किए गए प्रयास और वैश्विक लक्ष्यों के लिए हमारी महत्वाकांक्षा” है। हर वर्ष इस दिवस पर नई थीम दी जाती है, जैसे पिछले वर्ष इस दिवस की थीम नस्लवाद के खात्मे और शांति स्थापित करने की थी। शांति और अहिंसा हमेशा से ही एक दूसरे के पूरक रहे हैं। माना जाता है कि जहां अहिंसा होती है, वहां शांति भी होती है और शांति कायम होने के बाद, अहिंसा होना भी लाजमी हो जाता है । लिहाजा भारत और दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस हर वर्ष महात्मा गांधी के जन्मदिवस के दिन 2 अक्टूबर को मनाया जाता है।

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