Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

दुनिया देख रही है कि अमेरिका “चीन से अलग न होने” की प्रक्रिया कैसे लागू करता है

अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने 30 अगस्त को चार दिवसीय चीन यात्रा समाप्त की। वे इस वर्ष में जून के बाद चीन की यात्रा करने वाली चौथी अमेरिकी प्रमुख अधिकारी हैं। रायमोंडो की चीन यात्रा का मूल्यांकन करते समय अंतर्राष्ट्रीय जनमत ने चीन और अमेरिका द्वारा “आदान-प्रदान के नए चैनलों की स्थापना” की घोषणा पर ध्यान दिया है। उनके विचार में यह गलतफ़हमियों को कम करने के लिये लाभदायक होगा। रायमोंडो ने स्पष्ट रूप से कहा कि अमेरिका चीन से अलग नहीं होना चाहता है। और यह आशा भी जतायी कि अमेरिकी उद्यम चीन में पूंजी-निवेश लगा सकेंगे। इसकी चर्चा में संबंधित विशेषज्ञ ने कहा कि हालांकि “आदान-प्रदान के नए चैनल” चीन और अमेरिका के बीच ज्यादा आदान-प्रदान करने के लिये लाभदायक होंगे, लेकिन उनकी वास्तविक भूमिका अमेरिका की वास्तविक कार्रवाइयों पर निर्भर करेगी।
लोगों को उम्मीद है कि अमेरिका “चीन से अलग न होने” के कथन को लागू करेगा। यह न केवल चीन-अमेरिका व्यापार संबंधों की प्रकृति से निर्धारित होता है, बल्कि चीनी और अमेरिकी व्यापार समुदायों की वास्तविक जरूरतों से भी निर्धारित होता है, जो चीनी-अमेरिकी अर्थव्यवस्था और विश्व अर्थव्यवस्था के विकास के लिए फायदेमंद है। बुनियादी समझ के संदर्भ में, यदि वाशिंगटन सही निर्णय लेना चाहता है, तो उसे यह समझना चाहिए कि चीन-अमेरिका आर्थिक और व्यापार संबंधों का सार पारस्परिक लाभ और समान जीत है, और ऐसी कोई बात नहीं है कि कौन पीड़ित है और कौन लाभ उठाता है।
परिचालन के दृष्टिकोण से, अमेरिका के लिए आर्थिक और व्यापार मुद्दों का राजनीतिकरण और पैन-सुरक्षाकरण बंद करना अनिवार्य है। वर्तमान में अमेरिका मुद्रास्फीति, अमेरिकी ऋण संकट आदि का सामना कर रहा है। साथ ही नए अमेरिकी कोषागारों को खरीदारों की जरूरत है। इन समस्याओं का समाधान चीन के साथ सहयोग से अलग नहीं हो सकता।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

 

Exit mobile version