तोशाखाना मामलाः सुनवाई पर रोक लगाने की मांग वाली Imran Khan की याचिका हुई खारिज

इस्लामाबादः पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिका दूसरी बार खारिज कर दी, जिसमें तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ निचली अदालत में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) का दो बार रुख करने के बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान.

इस्लामाबादः पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिका दूसरी बार खारिज कर दी, जिसमें तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ निचली अदालत में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) का दो बार रुख करने के बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान (70) को सरकारी तोहफों का विवरण छुपाने से संबंधित मामले में राहत नहीं मिली है। न्यायमूर्ति अफरीदी के नेतृत्व वाली शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को सुनवाई की।

खबर के अनुसार, खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वकील ख्वाजा हारिस ने अदालत को सूचित किया कि निचली अदालत ने गवाहों को पेश करने का आदेश दिया है और अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो बचाव करने का अधिकार खत्म हो जाएगा।हारिस ने अदालत को बताया, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने चार याचिकाओं पर संज्ञन लिया है, लेकिन स्थगन आदेश नहीं दिया है।’’ न्यायमूर्ति अफरीदी ने खान के वकील से मामले के बारे में और अधिक विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश जारी करने के बजाय उच्च न्यायालय के निर्देशों का इंतजार करना बेहतर होगा।’’

न्यायमूर्ति अफरीदी ने कहा, ‘‘आपकी अर्जी अप्रभावी हो गई है, लेकिन हमने फिर भी इस पर विचार किया और आदेश जारी किए। हम स्थिति को समझते हैं। हमें उम्मीद है कि उच्च न्यायालय आपके लिए बेहतर आदेश जारी करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपने जो राहत मांगी थी, वह हमने (पिछली सुनवाई में) पहले ही दे दी थी। मुझे आश्चर्य है कि आपने फिर भी उच्चतम न्यायालय का रुख किया।’’ समाचारपत्र की खबर में कहा गया है कि न्यायाधीश के कहने पर हारिस ने अदालत को यह भी बताया कि उच्च न्यायालय इस मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करने वाला है।

न्यायमूर्ति अफरीदी ने खान और उनकी कानूनी टीम को उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करने की सलाह देते हुए कहा, शायद आप हमसे जिस राहत की उम्मीद कर रहे हैं, वह आपको उच्च न्यायालय से मिलेगी। पिछले हफ्ते शीर्ष अदालत ने खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। सोमवार को शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में, खान ने धारा 342 के तहत उनका बयान दर्ज कराने पर रोक लगाने की अपील की।

याचिका में कहा गया है कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर के समक्ष चल रहे मुकदमे को तब तक रोक दिया जाना चाहिए जब तक कि उच्च न्यायालय इस मामले पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुना देता। मामला इस आरोप से संबंधित है कि खान ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तोशाखाना से लिये गए उपहारों का विवरण जानबूझकर छुपाया और उनकी कथित बिक्री से प्राप्त आय को छुपाया।

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