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शीतारंभ के दिन चीन में परंपरा

चीनी पंचांग के अनुसार शीतारंभ 24 सौरावधियों में से 19वीं सौरावधि है, जो सर्दियों की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करता है। चीनी लोग शीतारंभ पर बड़ा ध्यान देते हैं। एक साल के विकास के बाद अब फसलों का भंडारण किया जाता है। कई जानवर शीतनिद्रा में चले जाते हैं और प्रकृति भी विश्राम करती है। सर्दी फसल का आनंद लेने और स्वस्थ होने का मौसम होता है।
मौसम विज्ञान की दृष्टि से शीतारंभ का मतलब सर्दियों की शुरुआत नहीं है। सर्दी वास्तव में तब शुरू होती है जब औसत तापमान लगातार पांच दिनों से 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे होता है। चीन बहुत बड़ा है। हर क्षेत्र में सर्दी एक समय में शुरू नहीं होती। सबसे उत्तरी इलाके में स्थित मोह कस्बे में सितंबर में सर्दी शुरू होती है, जबकि नवंबर के अंत तक दक्षिण चीन के यांग्त्ज़ी नदी बेसिन में सर्दी के नजारे दिखने लगते हैं।
चीन कृषि प्रधान देश है। अन्य सौरावधियों की तरह शीतारंभ भी मौसम का परिवर्तन और फीनोलॉजिकल स्थिति प्रतिबिंबित करता है। कृषि उत्पादन के लिए इसका व्यावहारिक मार्गदर्शक महत्व है। प्राचीन काल में किसान पूरे साल की मेहनत के बाद शीतारंभ के दिन आराम करते हैं और परिजनों को खिलाते हैं।
चीन के उत्तरी इलाके में शीतारंभ के दिन डम्पलिंग खाने की परंपरा है। डम्पलिंग का आकार कान जैसा होता है, इसलिए लोग मानते हैं कि डम्पलिंग खाने के बाद पूरी सर्दियों में कान ठंडे नहीं होंगे। वहीं, चीन के दक्षिणी इलाके में शीतारंभ के दिन मांग खाने की परंपरा है। लोग मानते हैं कि मांस खाने से ठंड दूर होगी और हाथ-पैर गर्म होंगे। चीन के च्यांगसू और चच्यांग प्रांत में शीतारंभ के दिन लोग अंडे खाते हैं। अंडा जीवन की शुरुआत और निरंतरता के साथ-साथ फसल और प्रचुरता का प्रतीक है। अंडा खाने से शारीरिक फिटनेस बढ़ाने के लिए प्रोटीन और पोषक तत्वों की पूर्ति हो सकती है। इसलिए लोग शीतारंभ के दिन अंडे खाने से शुभकामनाएं और प्रार्थना करते हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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