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त्सो आनशंग और उनकी आटे-मूर्तियां

आटे की मूर्ति चीन में एक किस्म की कला है, जो आटे का इस्तेमाल मुख्य सामग्री के रूप में किया जाता है, जिसे विभिन्न रंगों में समायोजित किया जाता है, और हाथों व सरल उपकरणों से जोड़-तोड़ करके आकृतियाँ और जानवर जैसे विभिन्न आकार बनाए जाते हैं। 

चीनी पंचांग का नव वर्ष यानी वसंत त्योहार आने वाला है। पूर्वी चीन के शानतोंग प्रांत के लिनयी शहर की यीनान काउंटी में गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत के उत्तराधिकारी त्सो आनशंग ने “वसंतोत्सव की खुशियां” श्रृंखलाबद्ध आटे की मूर्तियां बनायीं। वे इन कृतियों से चीनी परंपरागत वसंत त्योहार का स्वागत करते हैं। बचपन से ही त्सो आनशोंग अपने दादा जी और पिता जी से आटे-मूर्ति कला सीखी। धीरे-धीरे उन्हें यह कला पसंद आ गई और संबंधित क्षेत्र में प्रयास करते रहे हैं। देखने में आटे-मूर्ति की कृति बनाना सरल है, लेकिन इसके पीछे कलाकारों की कड़ी मेहनत से अलग नहीं हो सकती।    

पारंपरिक आटे-मूर्ति तकनीक का उत्तराधिकार करते हुए त्सो आनशंग लगन से शोध भी करते हैं, इस तरह उनकी कृतियों की अपनी खास शैली होती है। कृतियां रंगारंग है और बहुत जीवंत लगती हैं। त्सो आनशंग की रचनाएं बहुत लोकप्रिय होने लगीं।  वर्तमान में त्सो आनशंग ने यीनान काउंटी में अपना स्टूडियो खोला, जो आटे-मूर्ति की संस्कृति के नवाचार और प्रचार के लिए समर्पित है। साथ ही, वे आटा मूर्तिकला कौशल सिखाने के लिए अनियमित रूप से स्कूलों और समुदायों में जाते हैं। उन्होंने कहा कि आटा-मूर्ति कला एक पारंपरिक लोक कला है जिसका हजारों वर्षों का इतिहास है, वह इस कला का विरासत में ग्रहण करते हुए विकास करना चाहते हैं, अपने हाथों में आटे के माध्यम से अधिक लोगों को आटा-मूर्ति कला के आकर्षण को समझने देना चाहते हैं, और पारंपरिक आटा-मूर्ति कला कौशल को जारी रखना चाहते हैं।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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