वाशिंगटन: संघीय अभियोजकों ने कहा है कि दो भारतीय नागरिकों पर फेंटानिल (fentanyl ) वितरित करने और मादक पदार्थों की तस्करी की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में न्यू जर्सी के एक व्यक्ति ने दक्षिणी इलिनोइस में अमेरिकी जिला अदालत के समक्ष अपना दोष स्वीकार कर लिया है।भारतीय नागरिकों की पहचान आशीष के. जैन (37) और एम. ईश्वर राव के रूप में हुई है। वहीं, मोइसेस ए सनाब्रिया (32) ने भारत की दवा वितरण कंपनी और अमेरिका (America) में ग्राहकों के बीच बिचौलिए के रूप में काम करने का अपराध स्वीकार किया है।
अदालत में जमा दस्तावेजों के अनुसार, सनाब्रिया को भारत के दवा वितरण केंद्र से न्यू जर्सी में फुरानिल फेंटानिल (fentanyl )और टेपेंटाडोल युक्त दवाइयां प्राप्त हुई और उसने जनवरी 2018 से मार्च 2021 के बीच इन्हें सीधा अमेरिकी ग्राहकों को भेज दिया।अभियोजकों ने बताया कि सनाब्रिया ने कई मौकों पर इलिनोइस के दक्षिणी जिले में काम कर रहे ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के गुप्त एजेंटों को दवाइयां भेजी।पदार्थों पर नियंत्रण संबंधित कानून कंट्रोल्ड सब्सटेंसेस एक्ट के तहत फुरानिल (fentanyl ) फेंटानिल शिड्यूल 1 और टेपेंटाडोल शिड्यूल 2 में आता है। फेंटानिल का सीमित इस्तेमाल कर बेहोशी और दर्द निवारक दवा तैयार की जाती है। आमतौर पर अमेरिकी ड्रग गिरोह द्वारा फेंटानिल की तस्करी की जाती है और उसकी गोलियां बनाकर महंगे दामों में अलग-अलग नामों से बेची जाती है।
दक्षिणी इलिनोइस में ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन में प्रवर्तन संचालन के प्रमुख एवं कार्यवाहक सहायक विशेष एजेंट प्रभारी माइकल ई. रेहग ने कहा, ‘‘यह व्यक्ति लोगों को यह सोचकर बेवकूफ बना रहा था कि दवाएं बिना किसी चिकित्सक के पर्चे के खरीदी जा सकती हैं और भारत से डाक से भेजी जा सकती हैं।’’ न्याय विभाग ने बताया कि सनाब्रिया ने इस मामले में लेन-देने के लिए न्यूयॉर्क में एक कंपनी भी शुरू की। कंपनी ने जनवरी से अक्टूबर 2021 तक नशीली दवाओं की तस्करी से अíजत 1,14,334 अमेरिकी डॉलर छुपाए।धन शोधन की साजिश, फेंटानिल वितरित करने की साजिश और नियंत्रित पदार्थ का वितरण सभी में 20 साल तक की कैद की सजा हो सकती है।