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यूक्रेन युद्ध: ऑस्ट्रेलिया में बने गत्ते के ड्रोन ने आधुनिक युद्ध में नवाचार का महत्व बताया

लैंकेस्टर: नवोन्मेषी डिज़ाइन आधारित विकल्प युद्ध पर व्यापक प्रभाव डाल सकते हैं, इसलिए उनके विकास के पीछे के सिद्धांतों को समझना महत्वपूर्ण है। रूस में लक्ष्यों पर हमला करने के लिए यूक्रेन ने हाल में ऑस्ट्रेलिया द्वारा आपूर्ति किए गए कम लागत वाले गत्ते से बने ड्रोन का उपयोग किया, जो कि आधुनिक युद्ध में.

लैंकेस्टर: नवोन्मेषी डिज़ाइन आधारित विकल्प युद्ध पर व्यापक प्रभाव डाल सकते हैं, इसलिए उनके विकास के पीछे के सिद्धांतों को समझना महत्वपूर्ण है। रूस में लक्ष्यों पर हमला करने के लिए यूक्रेन ने हाल में ऑस्ट्रेलिया द्वारा आपूर्ति किए गए कम लागत वाले गत्ते से बने ड्रोन का उपयोग किया, जो कि आधुनिक युद्ध में नवाचार का महत्व बताता है। ऑस्ट्रेलिया आर्मी डिफेंस इनोवेशन हब के अनुसार, जुलाई 2021 में हुए एक समझौते के बाद, ऑस्ट्रेलिया अनुमानित 1.57 करोड़ पाउंड के सहायता पैकेज समझौते के तहत इस साल मार्च से यूक्रेन को प्रति माह 100 ड्रोन की आपूर्ति कर रहा है।

उभरती प्रौद्योगिकियां वर्तमान प्रौद्योगिकियों पर हावी हो जाती हैं, और फिर प्रतिस्पर्धी प्रति-प्रौद्योगिकियां उत्पन्न करती हैं। नवाचार द्वारा संचालित यह चक्रीय संबंध युद्ध में महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह आधुनिक तकनीक प्रदान कर सकता है। ड्रोन तकनीक मूल रूप से सैन्य उपयोग के लिए विकसित की गई थी। इसके बाद इसे रसद, आपूर्ति और आपदा राहत के लिए अवसर प्रदान वाली तकनीक के रूप में भी देखा गया था। अब इसने नये आविष्कारों की पेशकश की है, जो सैन्य अनुप्रयोगों में बदल सकते हैं।

भविष्य में संघर्ष का स्वरूप तय करने में ड्रोन की अहम भूमिका होगी, जिसका निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय संबंधों, सुरक्षा और रक्षा पर प्रभाव पड़ेगा। ऑस्ट्रेलिया में 1992 में स्थापित एक इंजीनियंरिग और समाधान कंपनी, ‘एसवाईपीएक्यू’ ने सैन्य, कानून प्रवर्तन, सीमा सुरक्षा और आपात सेवाओं के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा, संपत्ति निरीक्षण और खोज एवं बचाव अभियानों में इस्तेमाल के लिए ‘कोरवो प्रिसीजन पेलोड डिलीवरी सिस्टम’ (पीपीडीएस) बनाया है।

खबरों के मुताबिक, यूक्रेनी बलों ने 27 अगस्त को पश्चिमी रूस के कुर्स्क ओब्लास्ट में एक हवाई क्षेत्र पर हमले में गत्ते से बने पीडीडीएस कार्डबोर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया था। हमले में एक मिग-29 और चार एसयू-30 लड़ाकू जेट, दो पैंटसिर विमान भेदी मिसाइल लॉन्चर, तोप प्रणाली और एक एस-300 हवा से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली क्षतिग्रस्त हो गईं।

डिज़ाइन सिद्धांत
ड्रोन की सफलता के कारणों में इसका डिजाइन सबसे प्रमुख होता है। साथ ही उत्पादन लागत, एयरफ्रेम सामग्री, वजन, पेलोड, रेंज, तैनाती और उपयोग में आसानी सहित कई कारक भी अहम माने जाते हैं। अन्य कारकों में परिचालन सॉफ्टवेयर की विश्वसनीयता और विभिन्न मौसम स्थितियों में ड्रोन के उड़ने की क्षमता शामिल है।

छोटे ड्रोन युद्ध के तेजी से बदलते परिदृश्य में टोह लेने के लिए उच्च-रिज़ोल्यूशन वाली स्पष्ट तस्वीरें प्रदान करते हैं। कॉर्वो ड्रोन में एक उच्च-रिज़ोल्यूशन वाला कैमरा है, जो एक बड़े क्षेत्र को कवर करने वाली तस्वीरें देता है, तथा सटीक समय में फुटेज को अपने उपयोगकर्ता तक पहुंचाता है। सशस्त्र बलों की आधुनिक चुस्त कमान और नियंत्रण में यथास्थिति के अनुसार मानचित्रण महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जमीनी बलों, भारी हथियारों और तोपखाने को निर्देशित कर सकता है।

कुछ मामलों में, छोटे ड्रोन का डिज़ाइन विभिन्न प्रकार के हथियारों को ले जाने के लिए पेलोड पर केंद्रित होता है, जैसा कि कुर्स्क में हुए हमले में देखा गया था।  गत्ते के ड्रोन पांच किलोग्राम वजन ले जा सकते हैं, इनके पंखों का फैलाव दो मीटर है और इनकी मारक क्षमता 120 किलोमीटर तथा कथित लागत 3,500 अमेरिकी डॉलर है। मोमयुक्त गत्ता एक आदर्श सामग्री है, क्योंकि यह मौसम प्रतिरोध, फ्लैट-पैक परिवहन के साथ ही एक हल्का एयरफ्रेम प्रदान करता है, जो लंबी उड़ान दूरी और 60 किलोमीटर प्रति घंटा की उच्च क्रूज़ गति हासिल करने में सक्षम बनाता है।

फिक्स्ड-ंिवग ड्रोन सामान्य या रोटर आधारित ड्रोन की तुलना में लंबी दूरी तय करते हैं, क्योंकि पंख एक दबाव उत्पन्न करते हैं और एयरफ्रेम में कम ंिखचाव होता है, जिससे वे अधिक ऊर्जा कुशल बनते हैं। वे अधिक ऊंचाई पर भी उड़ सकते हैं। ऐसे ड्रोन को साधारण गुलेल से या हाथ से लॉन्च किया जा सकता है। यही वजह है कि इन्हें तेजी से तैनात किया जा सकता है।

लो-टेक सामग्री, हाई-टेक सोच
रडार में विद्युत चुंबकीय तरंगों का संचरण शामिल होता है, जो किसी भी वस्तु से प्राप्त एंटीना पर वापस परार्वितत हो जाती हैं। आमतौर पर गत्ते का रडार के जरिये पता लगाना कठिन होता है, लेकिन इसके घटकों, जैसे बैटरी आदि का पता लगाया जा सकता है। एक अन्य सिद्धांत ड्रोन की समूह क्षमता है। समूह में ड्रोन वायु रक्षा प्रणालियों पर हावी हो सकते हैं या उन्हें प्रति-खुफिया अभियानों में छलावे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ड्रोन के सभी डिज़ाइन सिद्धांत और नवाचार आधारित युद्ध के तरीके में बदलाव ला रहे हैं। कम लागत वाले छोटे ड्रोन से भविष्य में मिशन में और सफलता मिलने की संभावना है।

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