Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

US Elections 2024 : 235 साल..America को पहली महिला राष्ट्रपति के लिए अभी और करना होगा इंतजार

US Elections 2024 : यूएस प्रेसिडेंशियल इलेक्शन के नतीजों ने एक बार फिर देश में महिला राष्ट्रपति होने की संभावना को खत्म कर दिया। रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस की दौड़ में विजेता बन कर उभरे जबकि ड्रेमोक्रेट कमला हैरिस उनसे काफी पीछे रह गईं। 1788-89 में अमेरिका में पहला राष्ट्रपति चुनाव हुआ था। अधिकांश इतिहासकार और लेखक मानते हैं कि विक्टोरिया वुडहुल 1872 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाली पहली महिला थीं।

हालांकि देश को पहली महिला राष्ट्रपति मिलने का इतंजार 235 वर्ष लंबा हो गया है। अमेरिका न सिर्फ दुनिया की आर्थकि और सैन्य महाशक्ति बल्कि कई लोग इसे लोकंत्रत के सवरेत्तम उदाहरण के रूप में भी मानते हैं। लेकिन सर्वोच्च पद पर किसी महिला का न होना देश के लोकतांत्रिक स्वरूप पर सवालिया निशाना खड़े करता है।

कई विद्वानों का मानना है कि सत्ता में महिलाएं का होना राजनीतिक व्यवस्था में विश्वास और वैधता की भावनाओं को मजबूत करता है। ये अन्य महिलाओं को भी उम्मीदवारी के लिए प्रेरित करता है। अमेरिका में कई उच्च पदों को महिलाएं संभाल चुकी हैं। संसद के दोनों सदनों में महिलाओं की मौजूदगी रही है। आखिर बात जब देश के सर्वोच्च पद की आती है तो अमेरिका का रिकॉर्ड जीरो है।

आखिरी बार 2016 में हिलेरी क्लिंटन पद के काफी नजदीक पहुंचीं लेकिन हार गई। उन्हें ट्रंप से करीब 28 लाख अधिक पापुलर वोट मिले लेकिन चुनाव ट्रंप ने जीता क्योंकि उन्होंने इलेक्टोरल कॉलेज का बहुमत प्राप्त कर लिया। हालांकि हर मामले में अमेरिका से कहीं पीछे माने जाने वाले देशों ने सर्वोच्च पद महिला को देने में बिल्कुल संकोच नहीं दिखाया है। 1960 में सिरीमावो भंडारनायके ने श्रीलंका की प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया था। वह दुनिया में किसी भी देश की प्रमुख के रूप में चुनी जाने वाली पहली महिला थीं।

इसके छह वर्ष बाद, भारत ने 1966 में इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना। इंदिरा गांधी का आकलन विषेक और इतिहासकार भारत के सबसे ताकतवर पीएम के रूप में करते हैं। इंदिरा गांधी 1984 में हत्या से पहले तीन बार भारत की प्रधानमंत्री रहीं। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान 1988 में बेनजीर भुट्टो के रूप में पहली प्रधानमंत्री मिली। वह किसी मुस्लिम बहुल राष्ट्र की पहली महिला नेता बनीं। क्या अमेरिका का तथाकथित लोकतांत्रिक और आधुनिक समाज लैंगिक भेदभाव और पितृसत्ता को स्वीकार करता है। क्या वह यह मानता है कि सर्वोच्च पद किसी महिला को नहीं दिया जा सकता है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब अमेरिकी लोकतांत्रिक को खोजने होंगे।

Exit mobile version