न्यूयॉर्करी: अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत में ‘मतदान प्रतिशत’ बढ़ाने के लिए दी जाने वाली 2.1 करोड़ डॉलर की सहायता राशि एक ‘रिश्वत’ योजना थी। ट्रंप ने वीरवार को वाशिंगटन में ‘रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन’ की बैठक को संबोधित करते ये टिप्पणी की। ट्रंप अब रद्द की गई इस अमरीकी वित्तीय सहायता को लेकर पूर्ववर्ती बाइडन प्रशासन पर लगातार हमलावर हैं। ट्रंप ने कहा कि भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ अमरीकी डॉलर। हम भारत के मतदान प्रतिशत की चिंता क्यों कर रहे हैं? हमारे पास पहले से ही बहुत सारी समस्याएं हैं। हम अपना खुद का मतदान प्रतिशत बढ़ाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि कई मामलों में, जब आपको पता ही नहीं होता कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि रिश्वत दी जा रही है, क्योंकि किसी को पता ही नहीं है कि वहां क्या हो रहा है। एक सप्ताह के भीतर यह तीसरी बार है जब ट्रंप ने अमरीकी वित्त पोषण पर सवाल उठाया है। ट्रंप ने वीरवार को मियामी में एफआईआई प्राथमिकता शिखर सम्मेलन को संबोधित करते भारत को मिलने वाले वित्त पोषण पर चिंता जताई थी और कहा था कि ‘किसी और को निर्वाचित कराने’ का प्रयास किया जा रहा था। उन्होंने बुधवार को ‘मतदान प्रतिशत’ बढ़ाने के लिए भारत को 2.1 करोड़ डॉलर प्रदान करने के उद्देश्य पर सवाल उठाया था। उनकी टिप्पणी एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद आई है कि अमरीकी संस्था ‘यूएसएड’ ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग को 2.1 करोड़ डॉलर का योगदान दिया है।