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अमेरिका के टैरिफ वार से दुनिया की अर्थव्यवस्था को हो रहा है नुकसान, चीन है पूरी तरह तैयार

इंटरनेशनल डेस्क : अमेरिका सरकार ने विश्व के कई देशों के खिलाफ टैरिफ वार छेड़ रखा है। उन्होंने चीन, कनाडा व मैक्सिको को प्रमुख रूप से निशाना बनाया है। इन तीनों देशों के विरुद्ध अमेरिका ने टैरिफ में भारी इजाफा किया है। अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखने का दावा करने वाले ट्रंप वैश्विक अर्थव्यवस्था.

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इंटरनेशनल डेस्क : अमेरिका सरकार ने विश्व के कई देशों के खिलाफ टैरिफ वार छेड़ रखा है। उन्होंने चीन, कनाडा व मैक्सिको को प्रमुख रूप से निशाना बनाया है। इन तीनों देशों के विरुद्ध अमेरिका ने टैरिफ में भारी इजाफा किया है। अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखने का दावा करने वाले ट्रंप वैश्विक अर्थव्यवस्था को डांवांडोल करने पर तुले हुए हैं। आज विश्व के सभी देशों के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, ऐसे में ट्रंप के फैसलों का व्यापक असर पड़ना लाजिमी है। कहा जा रहा है कि ट्रंप द्वारा की गयी आर्थिक कार्रवाई से ग्लोबल इकॉनमी को नुकसान होने लगा है। जो कि एक अच्छा संकेत नहीं है, क्योंकि तमाम देश अब तक आर्थिक संकट से पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं।

इस दौरान एक रिपोर्ट सामने आयी है। जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए व्यापार शुल्क से समूची दुनिया की इकॉनमी को नुकसान पहुंच रहा है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के मुताबिक अमेरिका की हालिया कार्रवाई से विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। जैसा कि पहले आशंका जतायी गयी थी, वैसा ही होता दिख रहा है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी इसी तरह का माहौल दिखा था, बावजूद इसके ट्रंप रुक नहीं रहे हैं। उन्हें लगता है कि दूसरे देशों पर आर्थिक प्रतिबंध और टैरिफ लगाने से अमेरिका मजबूत हो जाएगा, जबकि उनके पहले कार्यकाल में इसका उलटा असर हुआ था।   

ओईसीडी, जो कि बाजार अर्थव्यवस्था पर जोर देने वाला संगठन है, उसके 38 सदस्य हैं। उसने अपनी ताज़ा अंतरिम आर्थिक आउटलुक में कहा है कि उसने वैश्विक आर्थिक विकास के अपने पूर्वानुमान को कम कर दिया है। जिसके अनुसार डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के कारण वैश्विक जीडीपी वर्ष 2024 के 3.2 प्रतिशत के मुकाबले 2025 में घटकर 3.1 प्रतिशत हो जाएगी। जबकि साल 2026 में यह घटकर सिर्फ 3 फीसदी पर आ जाएगी। 

ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि वे अपने देश को फिर से सर्वश्रेष्ठ बनाना चाहते हैं और अमेरिकी नागरिकों को अधिक से अधिक रोजगार के मौके प्रदान करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने दूसरे देशों पर कई आरोप लगाए हैं, उनका कहना है कि अमेरिका की ढीली नीतियों का तमाम राष्ट्र गलत फायदा उठा रहे हैं। हालांकि उनके कदमों से अन्य देश से परेशान होंगे ही, खुद अमेरिका को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ओईसीडी के मुताबिक, ट्रंप के हालिया टैरिफ युद्ध से अमेरिका की जीडीपी वर्ष 2025 में सिर्फ 2.2 प्रतिशत और 2026 में महज 1.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। जबकि टैरिफ संबंधी कदम उठाए जाने से पहले अमेरिकी जीडीपी के 2025 में 2.4 फीसदी और 2026 में 2.1 फीसदी रहने का अनुमान था।

हालांकि चीन के खिलाफ अमेरिका ने जिस तरह के टैरिफ लगाए, उसका उतना असर होता नहीं दिख रहा है। क्योंकि चीन पहले से ही देश के भीतर चक्रीय अर्थव्यवस्था पर जोर दे रहा था। इसके अलावा चीन के आसियान और अन्य देशों के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध है। उनके साथ व्यापार में लगातार इजाफा हो रहा है। लेकिन व्यापार टैरिफ से कनाडा और मैक्सिको पर सबसे अधिक असर होने की आशंका है। माना जा रहा है कि कनाडा की वृद्धि दर अगले वर्ष लगभग 0.7 फीसदी रह सकती है। जबकि पहले इसके 2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। मैक्सिको की अर्थव्यवस्था पर टैरिफ आदि का व्यापक प्रभाव हो सकता है। मैक्सिको मंदी की तरफ भी जा सकता है, जिसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप जब से राष्ट्रपति बने हैं, लगातार अजीबोगरीब फैसले ले रहे हैं। यहां तक कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन और पेरिस जलवायु परिवर्तन संधि से हट चुका है। जबकि समय-समय पर उनके अटपटे बयानों से भी दुनिया में भय का माहौल व्याप्त रहता है। दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश होते हुए दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना अमेरिका की आदत है। लेकिन जब जिम्मेदारी उठाने की बात आती है तो अमेरिका उससे पीछे हट जाता है। अब अमेरिका द्वारा चलाए जा रहे टैरिफ युद्ध से दुनिया के सम्मुख बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। ऐसे में वैश्विक स्तर पर मंदी का प्रभाव व्यापक हो सकता है, जिसकी जिम्मेदारी लेने से ट्रंप बच नहीं पाएंगे।

(अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, पोइचिंग)

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