तेल अवीवः गाजा में फलस्तीनियों पर इजराइल की नजर हमेशा बनी रहती है। ड्रोन के जरिए आसमान से लगातार निगरानी रखी जाती है। अभेद्य दिखने वाली सीमा पर हमेशा सुरक्षा कैमरे और सैनिक तैनात रहते हैं। खुफिया एजेंसियां अपने संसाधनों और साइबर तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए गोपनीय जानकारी हासिल करती रहती हैं। लेकिन चरमपंथी समूह हमास के अभूतपूर्व हमले को देखते हुए ऐसा लगता है कि इजराइल के ये सारे सुरक्षा इंतेजाम धरे के धरे रह गए। हमास के सैंकड़ों चरमपंथी सीमा को भेदकर इजराइल में घुस गए और फिर उन्होंने ताबड़तोड़ हमले किए, जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान जाने के साथ ही क्षेत्र में संघर्ष के एक नए अध्याय की शुरुआत हो गई।
इजराइल की खुफिया एजेंसियों की उपबल्धियों को लेकर उन्हें अजेय माना जाता रहा है। इन्हीं खुफिया एजेंसियों की मदद से इजराइल ने वेस्ट बैंक में रची गई कई साजिशों को नाकाम किया, दुबई में कथित तौर पर हमास के चरमपंथियों का खात्मा किया और ईरान में घुसकर ईरानी परमाणु वैज्ञनिकों पर हमला करके उन्हें मौत की नींद सुला दिया। लेकिन हमास के हमले के बाद इजराइली खुफिया एजेंसियों की प्रतिष्ठा को तगड़ा झटका लगा है। साथ ही कमजोर लेकिन पक्के इरादे वाले दुश्मन के सामने देश की तैयारियों पर भी सवाल उठने लगे हैं। 24 घंटे से अधिक समय के बाद भी हमास के चरमपंथी इजराइल में अंदर इजराइली सेना से दो-दो हाथ कर रहे हैं जबकि दूसरी ओर दर्जनों इजराइली गाजा में हमास की कैद में हैं।
इस हमले के बाद जानकार भी हैरान हैं। वे अब भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं कि कैसे हमास ने इतने बड़े हमले को अंजाम दे दिया और इजराइल के सुरक्षा तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लगी। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार याकोव एमिडरर ने कहा, यह एक बड़ी विफलता है। यह हमला वास्तव में यह साबित करता है कि गाजा में (खुफिया) तंत्र ने ठीक से काम नहीं किया। हालांकि उन्होंने इस नाकामी पर विस्तार से बात करने से इनकार कर दिया और कहा कि जब सबकुछ शांत हो जाएगा, तो यह पता लगाया जाना चाहिए कि यह सब कैसे हुआ।
सेना के मुख्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियर हगारी ने स्वीकार किया कि सेना को जनता के सामने स्पष्टीकरण देना होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल सफाई देने का समय नहीं है। उन्होंने कहा, पहले हम लड़ लें, उसके बाद जांच की जाएगी। वहीं, कुछ जानकारों का मानना है कि अकेले खुफिया तंत्र को दोष देना जल्दबाजी होगी। उन्होंने वेस्ट बैंक में हुई छिटपुट हिंसा के बाद वहां कुछ सैन्य संसाधनों की तैनाती की ओर ध्यान दिलाया। साथ ही यह भी कहा कि न्यायपालिका में बदलाव की, बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली धुर-दक्षिणपंथी सरकार की कोशिशों के चलते पैदा हुई राजनीतिक उथल-पुथल पर भी गौर किया जाना चाहिए। सरकार की इस विवादास्पद योजना को लेकर देश की शक्तिशाली सेना में मतभेद की बात किसी से छिपी नहीं है।
नेतन्याहू की न्यायिक सुधार योजना से इजराइल में उथल-पुथल मची हुई थी। नेतन्याहू को उनके रक्षा प्रमुखों के साथ साथ देश की खुफिया एजेंसियों के कई पूर्व अधिकारियों ने बार बार आगाह किया था कि विभाजनकारी योजना देश की सुरक्षा सेवाओं की एकजुटता को खत्म कर रही है। ओबामा प्रशासन के दौरान इजराइल-फलस्तीन वार्ता के लिए विशेष दूत के रूप में काम करने वाले मार्टनि इंडिक ने कहा कि कानूनी बदलावों से इजराइलियों के बीच मतभेद पनपने लगे। एक सेवानिवृत्त इजराइली जनरल अमीर अवीवी ने कहा कि गाजा के अंदर पैर जमाए बिना इजराइल की सुरक्षा सेवाएं खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए तकनीकी साधनों पर तेजी से निर्भर हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि गाजा में आतंकवादियों ने उन तकनीकी खुफिया संसाधनों से बचने के तरीके ढूंढ लिए हैं, जिनसे इजराइल उनपर नजर रखता है। अवीवी ने कहा, दूसरे पक्ष ने हमारे तकनीकी प्रभुत्व से निपटना सीख लिया और उन्होंने ऐसी तकनीक का उपयोग करना बंद कर दिया जो इसे उजागर कर सकती थी। दैनिक समाचार में रक्षा टिप्पणीकार अमोस हारेल ने लिखा, देखा जाए तो, हमास के सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों लोग महीनों से एक आश्चर्यजनक हमले की तैयारी कर रहे थे, वह भी गुपचुप तरीके से। उन्होंने कहा, परिणाम विनाशकारी हैं। इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करने वाले मिस्र के एक ख़ुफ़यिा अधिकारी ने कहा कि मिस्र ने इजराइलियों को बार-बार कुछ बड़ा होने के बारे में आगाह किया था।
उन्होंने कहा कि इजराइली अधिकारियों का ध्यान वेस्ट बैंक पर था और उन्होंने गाजा से होने वाले खतरे को कम करके आंका।अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा, हमने उन्हें चेतावनी दी थी कि स्थिति में बदलाव होने वाला है, और यह बहुत जल्द, और बड़ा होगा। लेकिन उन्होंने ऐसी चेतावनियों को कम करके आंका।