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क्या भविष्य में रोबोट भी मनुष्यों के सहकर्मी बनेंगे?

क्या आपने कभी कल्पना की है कि आप जिस दफ्तर में काम के लिए जाते हैं उसमें आपके कार्य करने के स्थान की बगल वाली सीट पर एक रोबोट भी आपके सहकर्मी के रुप में कार्य कर रहा हो ? सोच कर अंचभा जरूर होता है लेकिन आगे आने वाले समय में इस कल्पना को सच्चाई में बदलते शायद ही देर लगे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के इस युग में अब मनुष्यों के कई कार्यों को रोबोट ने अंजाम देना शुरू कर दिया है।

हो सकता है कि ये शुरुआती और आरंभिक चरण के रोबोट हों जो हमे अपने गानों की प्लेलिस्ट चुनने में, किसी सर्चइंजिन से किसी शब्द का अर्थ खोजने में, किसी मशीन को निश्चित समय पर चालू या बंद करने में, या फिर कार को उसकी पार्किंग में सही स्थान पर पार्क करने में मदद करते हों। लेकिन माना जा रहा है कि जैसे-जैसे समय बीतेगा, इन रोबोट्स की कार्य करने की दक्षता, हुनर, सीखने की काबिलियत और आदेश को पहले से ही पहचानने की इंटेलीजेंस बढ़ती जाएगी।

आज के इस तकनीक से भरे दौर में अस्पतालों में चाहे सर्जरी का कार्य हो या किसी साफ्टवेयर कंपनी में किसी प्रोग्राम का कोड लिखने का कार्य, स्वचालित कारों या बसों को अपनी लेन में चलने की जिम्मेदारी हो या किसी रेस्टोरेंट में भोजन परोसने की सेवा या फिर आपके घर तक ऑर्डर किए गए भोजन या पार्सल पहुंचाने का कार्य हों, इन सभी कार्यों को रोबोटों द्वारा बखूबी और सफलता के साथ अंजाम दिया जा रहा है। इतना ही नहीं खेतों में पकी हुई फसल को काटने और नए बीजों को बोने, मिट्टी को रोपने, पानी का छिड़काव करने के कार्य में भी रोबोट्स मनुष्यों की मदद करते हुए दिखाई देते हैं।

ऐसे ही कई तरह की सेवा और कार्य करने वाले रोबोट इन दिनों चीन के राजधानी पेईचिंग के एट्रांग इंटरनेशनल एग्ज़ीबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर में चल रही विश्व रोबोट कॉन्फ्रेंस 2023 में देखे जा सकते हैं। एक सप्ताह तक चलने वाली इस महासभा में शैक्षणिक तौर पर तैयार किए गए नए डिज़ाइन और आईडिया वाले रोबोट से लेकर पेशेवर तौर पर कामयाबी के साथ अपने कार्यों को अंजाम दे रहे रोबोट्स देखने को मिल रहे हैं। हर वर्ष इस समय होने वाली इस कांफ्रेंस में कई चौंकाने वाले कार्यों को करते हुए रोबोट्स को देखा जा सकता है।

किसी भी कार्य को अंजाम देने के लिए एक निश्चित अंतराल पर समान आवृत्ति में की जाने वाली हलचल या मूवमेंट, अगर लगातार उसी अंतराल, आवृत्ति और अवधि में की जाती है तो ये कार्य रोबोट अच्छी तरह से अंजाम दे पाते हैं । इस प्रदर्शनी के दौरान चाय बनाने वाले रोबोट, श्वान की तरह चलने और पक्षी की तरह उड़ने वाले रोबोट, फल तोड़ने वाली रोबोटिक आर्म, मानव ह्दय के रुप में कार्य करने वाला रोबोट, कॉफी बनाने वाला रोबोट, खाना परोसने वाला रोबोट, मनुष्यों की तरह दिखने वाले पुरुष और महिला रुप में इंटेलीजेंट रोबोट और तितली की तरह उड़ने वाले बायोनिक रोबोट भी देखने को मिल रहे हैं।

इन मशीन रुपी रोबोट को और प्रभावी बनाने के लिए इनमें भावनाओं और मनुष्यों की तरह बुद्धिमत्ता जोड़ने की कोशिश भी की जा रही है, इसे ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कहा जाता है। साथ ही ये रोबोट कई तरह के डेटा से खुद ही सीखने में सक्षम हो सकें, ऐसी कुशलता भी इनमें जोड़ी जा रही है ताकि वे स्वयं के हुनर में इजाफा कर सकें और मनुष्यों की तरह मशीनों में भी लर्निंग की काबिलियत पैदा हो सके।

करीब 45 हजार वर्गमीटर के क्षेत्रफल पर आयोजित हो रही इस प्रदर्शनी की थीम इस साल “खुलेपन व सृजन कर साझे भविष्य पर ध्यान” देने की है और इसमें 140 से अधिक बिज़नेस उद्यमों के करीब 600 रोबोट देखने को मिल रहे हैं, जिसमें 50 रोबोट पहली बार दर्शकों के सामने प्रदर्शनीकर्ताओं द्वारा रखे गए हैं। साथ ही इस विश्व रोबोट कॉन्फ्रेंस में 300 से अधिक देशी-विदेशी मेहमानों का भी आगमन हो रहा है। इतनी हतप्रभ और अचंभित करने वाली कांफ्रेंस में दर्शक भी बड़ी संख्या में पहुंच कर अपने कौतुहल को शांत करने की कोशिश में हैं।

हालांकि कई जानकारों का कहना है कि रोबोट, मानव संसाधन के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है लेकिन दुनिया भर में रोबोट बनाने का व्यवसाय इन दिनों काफी प्रचलित हो चला है। लिहाजा कई कार्यालयों में ऑटोमेशन के रुप में रोबोट कई मनुष्यों का कार्य करते हुए देखे जा सकते हैं। ऐसे में रोबोट कई बार मनुष्यों की मदद करने का कुशल कार्य भी करते हैं और अकेले रहने वाले लोगों को सहायक के तौर पर अपनी भूमिका को बखूबी अंजाम भी दे सकते हैं।
(विवेक शर्मा)

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