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मज़दूर भी हैं पूरे सम्मान के अधिकार

1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस दुनिया के मौके पर 80 से अधिक देशों में राष्ट्रीय अवकाश है। यह दुनिया भर के कामकाजी लोगों का प्रमुख उत्सव है। दिसंबर 1949 को चीन सरकार ने 1 मई को वैधानिक श्रमिक दिवस के रूप में नामित किया, जिसके तहत पूरे देश में एक दिन की छुट्टी निर्धारित की गयी। हर वर्ष इस दिन लोग विभिन्न समारोहों या सांस्कृतिक और खेल मनोरंजन गतिविधियों में भाग लेते हैं और उत्कृष्ट योगदान देने वाले मज़दूरों को याद करते हैं। 

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के मौके पर अवकाश होने का क्या मतलब है? यह उन श्रमिकों को याद करने के लिए है जिन्होंने उचित श्रम अधिकारों और हितों के लिए संघर्ष करने का प्रयास किया है, और यह श्रम की भावना को बढ़ावा देने और मज़दूरों का सम्मान करने के लिए भी है। श्रम एक रचनात्मक गतिविधि है और मनुष्य के लिए प्रकृति में महारत हासिल करने और उसे बदलने का एक साधन है। इस प्रक्रिया में, लोग न केवल जीवित रहने के लिए आवश्यक भौतिक संपदा प्राप्त करते हैं, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वे उपलब्धि और आत्म-पहचान की भावना प्राप्त करते हैं।

श्रम का सम्मान करने और श्रम की भावना को आगे बढ़ाने से हमारी आत्म-पहचान और सामाजिक पहचान के साथ-साथ हमारी रचनात्मकता और अनुकूलन क्षमता में सुधार करने में मदद मिलेगी, और अंततः हमें अपने स्वयं के मूल्य की प्राप्ति का अहसास होगा। हमें यह अहसास होना चाहिए कि चाहे कोई शारीरिक श्रम करे या मानसिक श्रम, सभी बराबर सम्मान के हकदार हैं। साथ ही श्रमिकों के हितों और अधिकारों की रक्षा करने की भी जरूरत है।  

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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