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चीन की दो सत्र बैठक से दुनिया को कई उम्मीद

चीन की बहुप्रतीक्षित सालाना “दो सत्रों” वाली बैठक, देश की सबसे बड़ी विधायिका NPC (यानी नेशनल पीपुल्स कांग्रेस), और सबसे बड़ा राजनीतिक सलाहकार निकाय CPPCC (यानी चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस) का आयोजन क्रमशः 5 मार्च और 4 मार्च से शुरू होने जा रहा है। इन बैठक में चीन की कई नीतियों को अंतिम रूप दिया जा सकता है। इस आयोजन को “दो सत्र” कहने की विशेष वजह है। दरअसल एनपीसी और सीपीपीसीसी लगभग एक ही समय में आयोजित होती हैं। जिन्हें नहीं पता है, उनके लिए यह जानना जरूरी है कि सीपीपीसीसी एक सलाहकार निकाय है। जबकि करीब 3,000 सदस्यीय एनपीसी, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का विधायी निकाय है। एक तरह से इसे ऐसी संसद कह सकते हैं, जो नीतियों पर मुहर लगाती है। इसके सदस्यों में व्यावसायिक अधिकारी, मशहूर हस्तियां और प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछली बार चीन की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक को भी इसमें प्रतिनिधि मनोनीत किया गया था। 

इस बार उम्मीद की जा रही है कि चीन आगामी “दो सत्रों” की बैठकों में साल 2024 के लिए “नई उत्पादक ताकत” हासिल करने की अपनी योजना को बढ़ावा देने की कोशिश करेगा। कुछ चीनी अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि चीन की केंद्र सरकार दो सत्रों के दौरान 2024 के लिए अपने देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी लक्ष्य फिर से लगभग पांच प्रतिशत निर्धारित करेगी। पिछले साल सितंबर में, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी चिनफिंग ने पहली बार “नई उत्पादक ताकतों” के निर्माण का विचार प्रस्तुत किया था। कुछ अमेरिकी वेबसाइटों ने कार्यक्रम के नाम का अनुवाद “नई गुणवत्ता उत्पादकता” या “उच्च गुणवत्ता विकास” के रूप में किया है, लेकिन राज्य मीडिया ने कहा कि अनुवाद चीन की योजना को पूरी तरह से अभिव्यक्त नहीं कर सकता है।

चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, नई उत्पादक ताकत शब्द दरअसल नए उद्योगों को उत्पन्न करने और देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए विज्ञान और तकनीकी नवाचार का लाभ उठाने की चीन की योजना को अभिव्यक्त करता है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के एक अध्ययन सत्र में इस बारे में जो कहा था, उसे भी हमें देखना चाहिए। इसी साल एक फरवरी को आयोजित इस सत्र में शी चिनफिंग ने कहा था, “नई उत्पादक शक्तियों का मतलब उन्नत उत्पादकता है जो पारंपरिक आर्थिक विकास के तरीके और उत्पादकता के विकास पथों से मुक्त है, जिसमें उच्च तकनीक, उच्च दक्षता और उच्च गुणवत्ता है। इतना ही नहीं, यह नए विकास दर्शन के अनुरूप है।

ऐसा माना जा रहा है कि इस दो सत्र बैठक में चीन और अमेरिकी रिश्तों को नया आयाम देने पर भी विचार हो सकता है। पिछले साल अपेक देशों के सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बैठक हुई थी। माना जाता है कि इस बैठक के बाद दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्तों के बेहतर होने की उम्मीद बढ़ी है। यही वजह है कि दो सत्र बैठक से भी ऐसी ही आशा की जा रही है। वैसे भी दोनों देश अपने निजी आग्रहों के बावजूद आपसी कारोबार को सुगम बनाने को लेकर संकेत भी दे रहे हैं। इस बैठक में दुनिया से चीन के कूटनीतिक रिश्तों के साथ ही इजरायल-फिलीस्तीन युद्ध के साथ ही यूक्रेन-रूस युद्ध पर भी चर्चा हो सकती है और जरूरी नीतिगत फैसले लिए जा सकते हैं।

(वरिष्ठ भारतीय पत्रकार—उमेश चतुर्वेदी )

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