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वुशु मेरा दूसरा जीवन है- अल्जीरियाई डॉक्टरेट एथलीट

दक्षिण पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत की राजधानी छंगतु में आयोजित होने वाले 31वें यूनिवर्सियड में वुशु (मार्शल आर्ट) में कई “विदेशी चेहरे” दिखाई दिए, और अल्जीरिया की एक डॉक्टरेट छात्रा ऐट मोलौड लुइसा उनमें से एक हैं। उन्होंने कहा कि वुशु सिर्फ उनका शौक नहीं है, बल्कि उनका जीवन जीने का एक तरीका भी है। वुशु उन्हें अधिक मेहनती, अधिक केंद्रित, अधिक संगठित और अधिक ऊर्जावान बनाता है। वुशु उनका दूसरा जीवन है।
27 वर्षीय लुइसा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की छात्रा है। इस वर्ष उनका डॉक्टरेट की पढ़ाई का चौथा वर्ष है और वुशु का अभ्यास उसका दसवां वर्ष है। उन्होंने कहा कि वुशु के माध्यम से उन्होंने कई दोस्त बनाये। खेल एक चुंबक की तरह है, जो लोगों को उनकी ओर खींचता है।
लुइसा के अनुसार, वर्तमान में अल्जीरिया में लगभग 60 हज़ार लोग वुशु का अभ्यास करते हैं, और अल्जीरियाई स्कूलों में वुशु कक्षाएं बहुत लोकप्रिय हैं।
कई वर्षों तक वुशु का अभ्यास करने वाली लुइसा को छंगतु यूनिवर्सियड ने चीन आने का अवसर दिया है। यह उनकी पहली चीन यात्रा है। उन्होंने कहा कि चीनी लोग बहुत मेहमाननवाज़ी और समझदार हैं। विशेष रूप से, यूनिवर्सियड स्वयंसेवक एथलीटों की समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, उन्हें बहुत गर्माहट महसूस हुई। इसके अलावा चीनी खाना उन्हें लुभाता है।
लुइसा का डॉक्टरेट अनुसंधान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में गहन शिक्षण पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि चीन एआई क्षेत्र में अग्रणी है, उसके पास बहुत उन्नत एल्गोरिथ्म हैं और चीन एआई में भारी निवेश और विकास कर रहा है।
लुइसा ने कहा कि वह अक्सर एआई क्षेत्र में चीनी विद्वानों के पेपर पढ़ती हैं और लगता है कि उनका स्तर बहुत अत्याधुनिक है। उनकी योजना है कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह चीन आएंगी और चीनी विद्वानों के साथ गहरा आदान-प्रदान करेंगी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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