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शी चिनफिंग और जो बाइडेन ने चीन-अमेरिका शिखर बैठक की

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने स्थानीय समयानुसार 15 नवंबर को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के फिलोली एस्टेट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ शिखर बैठक की ।दोनों राष्ट्रपतियों ने चीन अमेरिका संबंधों के रणनीतिक ,समग्र और दिशा के मुद्दों और विश्व शांति व विकास संबंधी महत्वपूर्ण सवालों पर ईमानदार व गहन रूप से चर्चा की।

शी चिनफिंग ने कहा कि विश्व में दो सबसे अहम द्विपक्षीय संबंध वाले देश होने के नाते चीन और अमेरिका के बीच आवाजाही न करना असंभव है ,एक-दूसरे को बदलना अव्यावहारिक है और मुकाबले व मुठभेड़ का परिणाम दोनों सहन नहीं कर सकते। बड़े देशों की स्पर्धा से चीन ,अमेरिका और विश्व के सवालों का समाधान नहीं किया जा सकता ।हमारी पृथ्वी चीन और अमेरिका को समा सकती है ।चीन और अमेरिका की अपनी अपनी सफलता एक दूसरा के लिए मौका है ।

शी चिनफिंग ने कहा कि पारस्परिक सम्मान ,शांतिपूर्ण सहअस्थित्व ,सहयोग व साझी जीत को चीन और अमेरिका की समान कोशिशों की दिशा होनी चाहिए ।इस सैन फ्रांसिस्को शिखर बैठक में चीन और अमेरिका को नया विजन बनाकर एक साथ चीन अमेरिका संबंधों के पाँच स्तंभ स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए ।पहला ,एक साथ सही सोच स्थापित करना ।चीन हमेशा स्थिर ,स्वस्थ व निरंतर चीन अमेरिका संबंधों में जुटा हुआ है ।इसके साथ चीन के अपने हित ,सिद्धांत और निम्न रेखा है ,जिनकी रक्षा की जानी है ।आशा है कि दोनों देश साझेदार बनकर पारस्परिक सम्मान और शांतिपूर्ण सहअस्थित्व करेंगे ।दूसार ,एक साथ मतभेदों का प्रभावी प्रंबध व नियंत्रण करना ।तीसरा ,एक साथ पारस्परिक सहयोग बढ़ाना ।चौथा ,एक साथ बड़े देशों की जिम्मेदारी उठाना ।पांचवां ,एक साथ सांस्कृतिक आदान प्रदान व लोगों की आवाजाही बढ़ाना ।

भेंट वार्ता में शी चिनफिंग ने कहा कि थाईवान सवाल हमेशा चीन अमेरिका संबँधों में सब से महत्वपूर्ण व संवेदशनशील सवाल है ।अमेरिका को तथाकथित थाईवानी स्वतंत्रता का समर्थन न करने के रूख को ठोस कार्रवाई में बदलना चाहिए। वार्ता में उन्होंने यह भी कहा कि चीन के वैज्ञानिक व तकनीकी विकास पर दबाना वास्तव में चीन के गुणवत्ता विकास का नियंत्रण करना है ।आशा है कि अमेरिका एकतरफा प्रतबिंध हटाकर चीनी उद्यमों के लिए न्यायपूर्ण ,निष्पक्ष और भेदरहित वातावरण तैयार करेगा ।

शिखर बैठक में दोनों राष्ट्रपतियों ने चीन और अमेरिका के विभिन्न क्षेत्रों के वार्ता व सहयोग बढ़ाने पर सहमति जतायी,जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता अंतर सरकारी वार्ता की स्थापना ,चीन अमेरिका मादक पदार्थ निषेध कार्य दल की स्थापना ,समानता व समादर के आधार पर दोनों सेनाओं के उच्च स्तरीय संपर्क ,रक्षा मंत्रालयों की कार्य भेंटवार्ता ,समुद्री सैन्य सुरक्षा सलाह मशवरे की बहाली करना ,अगले साल के शुरू में नागरिक उड्डयन का विस्तार करना ,शिक्षा ,युवा ,संस्कृति ,खेल व उद्योग व व्यापार की आवाजाही बढ़ाना जैसे विषय शामिल हैं । दोनों नेताओं ने अगले दस वर्षों में जलवायु परिवर्तन के निपटारे में दोनों देशों की समान कोशिशों पर भी बल दिया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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