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स्थिर और दीर्घकालिक विकास की प्राप्ति के लिए ब्रिक्स सहयोग का नेतृत्व करते हैं शी चिनफिंग

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 22 से 24 अक्तूबर तक कज़ान शहर में आयोजित ब्रिक्स नेताओं की 16वीं बैठक में भाग लेंगे। साल 2013 के बाद से, राष्ट्रपति शी ने सभी ब्रिक्स नेताओं की बैठकों की मेजबानी की है या उनमें भाग लिया है और महत्वपूर्ण भाषण दिए हैं। उन्होंने ब्रिक्स सहयोग तंत्र के निर्माण, विकास और विस्तार जैसे प्रमुख बिंदुओं पर चीन के प्रस्ताव पेश किए, चीन की बुद्धि का योगदान दिया, और स्थिर व दीर्घकालिक विकास की प्राप्ति के लिए ब्रिक्स सहयोग का नेतृत्व किया।

मार्च 2013 में, शी चिनफिंग राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर अफ़्रीका गए। दक्षिण अफ्रीका के डरबन में ब्रिक्स नेताओं की 5वीं बैठक में भाग लेने के दौरान उन्होंने कहा कि साझेदारी का इस्तेमाल ब्रिक्स देशों को करीब से जोड़ने के लिए किया जाना चाहिए। व्यावहारिक सहयोग ब्रिक्स सहयोग की नींव है। चीन ने हमेशा पारस्परिक लाभ, उभय जीत और सामान्य विकास की अवधारणा का पालन करते हुए उच्च गुणवत्ता की दिशा में ब्रिक्स व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा दिया है, और ब्रिक्स व्यावहारिक सहयोग के लचीलेपन और जीवन शक्ति को लगातार मजबूत किया है।

2014 में, ब्राजील में आयोजित फ़ोर्टालेज़ा बैठक के दौरान, राष्ट्रपति शी के व्यक्तिगत समन्वय और संवाद के तहत, पांच ब्रिक्स देशों ने संयुक्त रूप से पहले बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान, यानी ब्रिक्स नव विकास बैंक (एनडीबी) की स्थापना की। अब तक, एनडीबी ने कुल 34 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की 100 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के निर्माण और सतत विकास के लिए एक मजबूत गारंटी प्रदान करती है। 

2017 में, शी चिनफिंग ने ब्रिक्स की श्यामन शिखर बैठक की मेजबानी की। इस बैठक में जारी “ब्रिक्स नेताओं का श्यामन घोषणा-पत्र” विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर एक मजबूत संकेत भेजता है। 40 पेज की सामग्री में 71 परिणाम शामिल हैं। चीन ने “ब्रिक्स+” सहयोग मॉडल का प्रस्ताव पेश किया, जिससे अधिक से अधिक उभरते बाजार देश और विकासशील देश एकता, सहयोग, पारस्परिक लाभ और उभय जीत वाले परिणामों में भाग ले सकते हैं।

2022 में, राष्ट्रपति शी ने पेइचिंग में वीडियो के माध्यम से ब्रिक्स देशों के नेताओं की 14वीं बैठक की अध्यक्षता की। उस समय कोविड-19 महामारी फैल रही थी, विश्व आर्थिक सुधार में उतार-चढ़ाव आ रहे थे, शांति और सुरक्षा के मुद्दे अधिक प्रमुख हो गए थे, और मानव समाज अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहा था। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स देशों के बीच उभय जीत सहयोग की गहराई से विस्तृत व्याख्या की, जिसने इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर ब्रिक्स सहयोग की दिशा बताई और उच्च गुणवत्ता वाले विकास के नए चरण में प्रवेश करने के लिए ब्रिक्स सहयोग को बढ़ावा दिया।

पेइचिंग शिखर बैठक में शी ने बल दिया कि ब्रिक्स देश कोई बंद क्लब या विशेष “छोटा वृत्त” नहीं हैं, बल्कि एक बड़ा परिवार हैं जो एक-दूसरे की मदद करते हैं और उभय जीत सहयोग के लिए अच्छे भागीदार हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स सदस्यता विस्तार प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि समान विचारधारा वाले भागीदारों को जल्द से जल्द ब्रिक्स परिवार में शामिल किया जा सके।

इसके एक साल बाद, यानी साल 2023 में, दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स नेताओं की 15वीं बैठक में सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान और इथियोपिया को आधिकारिक तौर पर ब्रिक्स परिवार का सदस्य बनने के लिए आमंत्रित किया गया था। 2024 “ग्रेटर ब्रिक्स सहयोग” का पहला वर्ष है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय आम तौर पर “ब्रिक्स परिवार” के ऐतिहासिक विस्तार के बाद नेताओं की पहली बैठक की प्रतीक्षा कर रहा है। 

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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