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तीसरी बार राष्ट्रपति बनने पर शी चिनफिंग के विचार

चीन में 14वीं एनपीसी के पहले सत्र का समापन समारोह 13 मार्च को पेइचिंग में आयोजित हुआ। शी चिनफिंग तीसरी बार चीनी राष्ट्रपति के रूप में चुने गये। उन्होंने समापन समारोह में भाषण दिया। उनके भाषण का सार था‘जनता को उच्चतम स्थान पर रखें’
शी चिनफिंग ने अपने भाषण में सबसे पहले चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधियों और सभी जातीय समूहों के लोगों को उनके प्रति विश्वास के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लोगों का विश्वास उनकी प्रगति के लिए सबसे बड़ी प्रेरक शक्ति है और उनके कंधे पर भारी जिम्मेदारी भी है। वे संविधान द्वारा सौंपे गए कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेंगे, देश की जरूरतों को मिशन के रूप में लेंगे, और जनता के हितों को प्राथमिकता देते हुए अपने कर्तव्यों को पूरा करेंगे और जन प्रतिनिधियों व देश के सभी जातीय समूहों के लोगों के महान विश्वास को कभी कम नहीं होने देंगे।

चीनी राष्ट्र के महान पुनरुत्थान की रिले दौड़ में अच्छा प्रदर्शन

शी चिनफिंग के भाषण में ऐतिहासिक उत्तरदायित्व प्रदर्शित किया गया। उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में चीनी लोगों के कठिन संघर्ष की समीक्षा करते हुए कहा कि एक सदी के संघर्ष के बाद, चीनी लोग अपने भाग्य के स्वामी बन गए हैं। चीनी राष्ट्र के महान पुनरुत्थान की अपरिवर्तनीय ऐतिहासिक प्रक्रिया शुरू हुई।

मानव साझे भाग्य समुदाय का निर्माण

शी चिनफिंग ने अपने भाषण में एक बार फिर मानव साझे भाग्य समुदाय के निर्माण को बढ़ाने के अपने विचार को समझाया। उन्होंने कहा कि चीन के विकास से दुनिया को फायदा होता है और चीन के विकास को दुनिया से अलग नहीं किया जा सकता है। चीन शांति, विकास, सहयोग और उभय जीत के झण्डे को बुलंद रखता रहेगा और हमेशा इतिहास के पक्ष में खड़ा होगा, सच्चे बहुपक्षवाद का अभ्यास करेगा, सभी मानव जाति के सामान्य मूल्यों का अभ्यास करेगा, वैश्विक शासन प्रणाली के सुधार व निर्माण में सक्रियता से भाग लेगा, खुली विश्व अर्थव्यवस्था के निर्माण को बढ़ावा देगा, विश्व विकास पहल व विश्व सुरक्षा पहल के कार्यान्वयन को बढ़ावा देगा, ताकि विश्व शांति और विकास में अधिक स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा डाली जा सके।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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