वाशिंगटनः अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू (Taranjit Singh Sandhu) के साथ बातचीत में युवा भारतीय पेशेवरों के एक समूह ने संकाय, छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए दोनों देशों के बीच आवाजाही को सुगम बनाने के साथ-साथ छात्रों को एक साथ आकर पढ़ने व शोध कार्यों के लिए और अधिक स्थान उपलब्ध कराने की मांग की है। ‘यंग प्रोफेशनल इन साउथ एशिया पॉलिसी’ (YPSAP) के सहयोग से भारतीय दूतावास ने एक सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें भारत के शीर्ष राजनयिक के साथ पेशेवरों के समूह ने अपने महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने रखा।
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YPSAP, वाशिंगटन क्षेत्र में दक्षिण एशिया से संबंधित कार्यों को करने वाले पेशेवरों का सबसे बड़ा नेटवर्क है। बातचीत के दौरान सम्मेलन में भाग लेने वाले पेशेवरों ने कई सिफारिशें कीं, जिसमें संकाय, छात्रों और शोधकर्ताओं की दोनों देशों में आवाजाही सुगम बनाने, भारत-अमेरिका (India-US) के छात्रों को एक साथ आकर पढ़ने व शोध कार्यों के लिए और अधिक स्थान उपलब्ध कराने तथा एक-दूसरे देश में आने-जाने में सुगमता जैसी मांगें शामिल हैं।
तरणजीत सिंह संधू (Taranjit Singh Sandhu) ने अपनी प्रतिक्रिया में रेखांकित किया कि मौजूदा वक्त में भारत डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है और देश के विकास में भारतीय युवाओं की भूमिका बढ़ रही है। इसके अलावा उन्होंने उच्च शिक्षा सहयोग में दोनों देशों के बीच मौजूदा संबंधों को मजबूत बनाने के महत्व को भी दोहराया।