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भारतीय सेना ने दिया गांव रक्षा गार्ड को आतंकवाद विरोधी और आत्मरक्षा प्रशिक्षण

Jammu News : भारतीय सेना ने गांव रक्षा गार्ड को बुनियादी सुरक्षा तकनीकों और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों में प्रशिक्षण देकर ग्रामीण इलाकों की सुरक्षा मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस विशेष सत्न का उद्देश्य ग्रामीणों को आत्मरक्षा के प्रति जागरूक बनाना और उन्हें आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना है। सेना.

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Jammu News : भारतीय सेना ने गांव रक्षा गार्ड को बुनियादी सुरक्षा तकनीकों और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों में प्रशिक्षण देकर ग्रामीण इलाकों की सुरक्षा मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस विशेष सत्न का उद्देश्य ग्रामीणों को आत्मरक्षा के प्रति जागरूक बनाना और उन्हें आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना है।
सेना के इस प्रयास से न केवल गांवों की सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि यह ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी प्रदान करेगा।प्रशिक्षण सत्न के दौरान, सैनिकों ने गार्ड को व्यक्तिगत और सामूहिक सुरक्षा के तरीके, आपातकालीन परिस्थितियों में सही प्रतिक्रि या देने की रणनीतियां और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने की प्रक्रि या सिखाई।
इसके अलावा उन्हें हथियारों की पहचान, प्राथमिक चिकित्सा सहायता, और संकट की घड़ी में प्रभावी संचार तकनीकों की जानकारी दी गई। सत्न में नकली हमले की परिस्थितियों का अभ्यास कराया गया ताकि गार्ड वास्तविक जीवन में सतर्क और सक्षम रह सकें।

ग्रामीणों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा प्रशिक्षण
भारतीय सेना गांव रक्षा गार्ड को स्थानीय सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सेना का लक्ष्य है कि उन्हें न केवल आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जाए, बल्कि उन्हें अपने आसपास होने वाली संदिग्ध गतिविधियों की पहचान कर सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क करने के लिए भी तैयार किया जाए।
इस दौरान गांव रक्षा गार्ड ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण ग्रामीणों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। सेना ने आश्वासन दिया कि इस तरह के कार्यक्र म भविष्य में भी आयोजित किए जाएंगे ताकि ग्रामीण क्षेत्नों की सुरक्षा और सुदृढ़ हो सके।

विभिन्न इलाकों में इस समय करीब 30,000 बीडीजी हैं तैनात
ज्ञात रहे जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में इस समय करीब 30,000 बीडीजी तैनात हैं, जो स्थानीय लोगों के सहयोग से अपने गांवों में सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
जो पहले विलेज डिफेंस कमेटी के रूप में जाना जाता था, इनका गठन 1990 के दशक में किया गया था। भारतीय सेना के इस प्रशिक्षण अभियान ने न केवल गांव रक्षा गार्ड के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, बल्कि ग्रामीण समुदायों को सुरक्षा के प्रति और अधिक जागरूक बनाया है। इस पहल से न केवल स्थानीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह आतंकवाद विरोधी प्रयासों में भी सहायक सिद्ध होगी। इस प्रशिक्षण ने गांव रक्षा गार्ड और ग्रामीणों के बीच सुरक्षा को लेकर एक नई ऊर्जा का संचार किया है, जो सशक्त और सुरिक्षत भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा।

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