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श्रीकृष्ण की भक्ति के रंग में रंगा जम्मू शहर

जम्मू: जम्मू शहर में हर साल की तरह इस साल भी भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व जम्मू महानगर में वीरवार को धार्मिक श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा, जिसकी तैयारियां जोरों पर है। बता दें जम्मू शहर के बजारों में भगवान श्री कृष्ण जी के सुन्दर वस्त्र के साथ झूले और अन्य सभी प्रकार की वस्तुएं दुकानों में उपलब्ध हैं और बाजारों में लोगों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है जो भगवान श्री कृष्ण जी की मूर्ति के साथ उनके वस्त्र, झूले की खरीददारी कर रहे हैं।

बता दें भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के एक दिन पहले जम्मू शहर में झांकियां निकाली जाती है, जिसमें पालकी सजाई जाती है और भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा को नाटकों के रूप में कलाकार दिखाते हैं। जो भगवान की वेशभूषा में खुद को दर्शाते हैं। इस बार की झांकी 6 सितंबर यानि कि बुधवार के दिन जम्मू शहर में निकाली जाएगी। यह झांकी जम्मू के गीता भवन से निकलते हुए जम्मू शहर के विभिन्न बाजारों से होते हुए गीता मंदिर शालीमार में संपन्न होगी।

भगवान श्री कृष्ण के जन्म की घड़ियां जैसे जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे -वैसे भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन मनाने को लेकर कृष्ण भक्तों का जोश बढ़ता जा रहा है। कान्हा के अवतरण की खुशी में शहर के सजे बाजारों में श्रद्धालुों की चहल- पहल तेज हो गई है। ऐसे में सोमवार को सुबह से शाम तक कन्हा के भक्तों ने बाजार से आकर्षक कन्हा के रूपों की आकर्षक मूर्तियां, झूले, पालना, मुकुट, पोशाकें, बांसुरी, जेबरात, सिंहासन, तकिए, गद्दे , श्रृंखार एवं पूजन सामग्री की खरीदारी करते रहे।

शहर के दुल्हन की तरह सजाए गए राधा कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व को मनाने को लेकर सारी तैयारियों पूर्ण कर ली हैं। वहीं जन्माष्टमी पर्व पर फिर पतंगबाजी के शौकीन बच्चे, युवा व अन्य लोग पतंगों के पेच लड़ाने को बेताब हैं। पतंगबाजी करने को लेकर युवा वर्ग व बच्चे बाजारों से विभिन्न किस्मों की पतंगे खरीद रहे हैं ताकि पर्व के दिन पतंगबाजी कर पर्व का लुत्फ उठाएं। पुराने शहर के पक्का डंगा के बाजार, परेड बाजार, मोती बाजार, गांधी नगर, आदि में दिनभर महिलाओं ने बाल-गोपाल की सुंदर सुंदर मूर्तियोंं, पूजन सामग्री, वस्त्र, सिंहासन, झूला आदि की खरीदारी की गई ताकि श्रीकृष्ण के जन्म के समय पूजा अर्चना कर सकें।

इस अवसर पर पंडित सुभाष शास्त्री ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि यानी 11 से 12 बजे रात को मथुरा में हुआ था। हिन्दू ग्रंथों के अनुसार कंस के बढ़ रहे अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान श्री हरी विष्णु ने जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के रूप में अपना आठवां अवतार लिया था।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष की श्री कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ समय बताया है कि-पंचांग के अनुसार इस साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्ठमी तिथि 6 सितंबर दोपहर 3 बजकर 37 मिनट से शुरू हो रही है और अगले दिन यानी 7 सितंबर को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर खत्म होगी। रोहिणी नक्षत्र का समय 6 सितंबर को सुबह 9 बजकर 21 मिनट पर आंरभ होगा और 7 सितंबर के दिन 10 बजकर 25 मिनट पर इसकी समाप्ति हो जाएगी।

हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार दो दिन मनाया जाता है। एक दिन गृहस्थ जीवन वाले और दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय वाले जन्माष्टमी मनाते हैं। ऐसे में आपको बता दें कि 6 और 7 सितंबर दोनों ही दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर और वैष्णव संप्रदाय वाले 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे।

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