Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

उपराज्यपाल ने आई.आई.टी. जम्मू के जगती परिसर का किया दौरा

जम्मू: उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को जगती कैंपस में फाउंडेशन प्रोग्राम के उद्घाटन सत्र में आई.आई.टी जम्मू के 2023 के ज्वाइनिंग बैच के छात्रों को संबोधित किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उप-राज्यपाल ने नई यात्रा पर जाने वाले छात्रों को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यहां आई.आई.टी जम्मू में विश्व स्तरीय संकाय आपके सपनों को वास्तविकता में बदलने के लिए आपकी प्रतिभा का पोषण करेगा।

उपराज्यपाल ने कहा कि भारत का भविष्य इंजीनियरिंग करियर के लिए अपार अवसर प्रदान करता है जैसा कि राष्ट्र अनुसंधान और विकास, बुनियादी ढांचे और तकनीकी उन्नति में निवेश करना जारी रखता है व इंजीनियरों के लिए ढेर सारे अवसर इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत आगे बढ़ रहा है और ज्ञान अर्थ- व्यवस्था द्वारा संचालित प्रौद्योगिकी और सेवा केंद्र के रूप में उभर रहा है।

उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया और डिजीटल इंडिया पहल एक उभरते स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ मिलकर युवा दिमागों को अपनी पहचान बनाने और इंजीनियरिंग में एक सफल करियर बनाने के लिए एक उपजाऊ जमीन प्रदान करती है। उन्होंने छात्रों को दुनिया भर में हो रहे बदलाव के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए नए रास्ते तलाशने और खुद का अविष्कार करते रहने की सलाह दी। हमें ऐसे इंजीनियरों की ज़रूरत है जो केवल संसारिक तक ही सीमित नहीं रहेंगे बल्किजो पाठ्यपुस्तकों से परे सोचेंगे और यथास्थिति पर सवाल उठाएंगे और चुनौतियों को अवसर के रूप में स्वीकार करेंगे।

उप-राज्यपाल ने कह, युवा इंजीनियरों की विशेषज्ञता मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया के मिशन को आगे बढ़ाने में सहायक होगी। जापान और अमेरिका का उदाहरण देते हुए उप-राज्यपाल ने कहा कि इन देशों की इंजीनियरिंग कौशल ने उनके विकास में योगदान दिया है और दुनिया में उनकी स्थिति को ऊंचा किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया की महानतम शक्तियां इस बात की गवाह है कि महान इंजीनियरों ने उन देशों को अद्वितीय ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उपराज्यपाल ने कहा कि भारत को ऐसे इंजीनियरों की जरूरत है जो शहरीकरण, बुनियादी ढांचे और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा तक पहुंच की चुनौतियों का समाधान कर सकें। युवा इंजीनियरों के विचार और समाधान अधिक समावेशी और न्यायसंगत समाज का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे इंजीनियरों की आवश्यकता है जो विश्व स्तर पर सहयोग कर सके, जटिल वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए अन्य देशों और संस्थानों के साथ साझेदारी को बढ़ावा दे सकें। मेरा दृढ़ विश्वास है कि युवा इंजीनियरों में न केवल भारत को आत्मनिर्भर बनाने बल्कि इसे वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की क्षमता है।

उप-राज्यपाल ने शैक्षणिक संस्थानों पर एक ऐसा माहौल, एक ऐसी शिक्षा प्रणाली बनाने पर जोर दिया जो आज की वास्तविकता को दर्शाती हो। नवाचार के उद्गम स्थल के रूप में विश्वविद्यालयों को प्रगति की रीढ़ बनने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के साथ सहयोग करके और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करके, विश्वविद्यालय जटिल समस्याओं को हल करने के कौशल से लैस स्नातक तैयार कर सकते हैं। आइए हम बेहतर कल के निर्माण के लिए नवाचार और इंजीनियरिंग की शक्ति का उपयोग करें।

उप-राज्यपाल ने कहा कि भारत की यात्रा में आगे अपार संभावनाएं है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि युवा इंजीनियरों की प्रतिभा और दृढ़ संकल्प हमारे देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। उन्होंने छात्रों से महत्वाकांक्षी बनने और हमारे महान राष्ट्र को बदलने के लिए प्रौद्योगिकी, ज्ञान और बुद्धिमत्ता का लाभ उठाने के उद्देश्य से अपनी नई यात्रा शुरू करने को कहा।

आईआईटी जम्मू के निदेशक प्रोफै सर मनोज सिंह गौर ने पांच दिवसीय फाउंडेशन कार्यक्र म का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। पद्मश्री डा.जनक पाल्टा मैकगिलिगन, प्रोफै सर प्रगति कुमार, उप-कुलपति, एसएमवीडीयू प्रोफै सर बी.एस. सहाय, निदेशक आईआईएम जम्मू, डा.शक्ति गुप्ता, निदेशक, एम्स जम्मू; एस.पी. माही, सी.ए.ओ उधमपुर-श्रीनगर- बारामूला रेलवे लाइन (यूएसबीआरएल); वरिष्ठ अधिकारी, प्रमुख नागरिक, संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित थे।

Exit mobile version