जम्मू: उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज आईआईएम जम्मू से ग्रीन जम्मू और कश्मीर ड्राइव 2023-24 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उप-राज्यपाल ने परिसर में एक पौधा भी लगाया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उप-राज्यपाल ने मेगा वृक्षारोपण अभियान के शुभारंभ के लिए वन विभाग, आईआईएम जम्मू, ग्राम पंचायत वृक्षारोपण समितियों और सभी हितधारकों को बधाई दी। उप-राज्यपाल ने कहा कि ग्रीन जेएंडके ड्राइव जम्मू-कश्मीर के हरित आवरण को बढ़ाने, हमारी पारिस्थितिकी को मजबूत करने और एक स्वस्थ समाज के निर्माण में एक प्रमुख योगदानकर्त्ता बन गया है।
पिछले 3 वर्षों में, हम 4 करोड़ से अधिक पौधे लगाने में सक्षम हुए हैं और इस वर्ष का लक्ष्य पारिस्थितिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 1.75 करोड़ पौधे लगाने का है। उप-राज्यपाल ने टिकाऊ जीवन के लिए पारिस्थितिकी और जैव विविधता की रक्षा, संरक्षण और पुर्नस्थापित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में 55 प्रतिशत वन और हरित आवरण के साथ देश के सबसे विविध वन क्षेत्रों में से एक है। एक कहावत है कि भगवान हमेशा माफ कर देता है, इंसान कभी-कभी माफ कर देता है लेकिन प्रकृति कभी माफ नहीं करती।
अब समय आ गया है कि हम समझें कि प्राकृतिक संसाधनों पर हमारे अधिकार अस्थायी है। उन्होंने कहा कि हमें आर्थिक विकास और वन एवं पर्यावरण के संरक्षण के बीच नाजुक संतुलन का सम्मान करना होगा और उसे बहाल करना होगा। आईआईएम जम्मू में, उप-राज्यपाल ने पारिस्थितिक संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के उद्देश्य से यूटी प्रशासन की प्रमुख पहलों को साझा किया। उप-राज्यपाल ने कहा कि सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण हमारी प्राथमिकता है। प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा हमारे समाज, हमारी संस्कृति के डीएनए में है। पूरी सरकार और पूरे समाज के दृष्टिकोण के साथ, हम जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए ईमानदार प्रयास कर रहे है।
शहरों और कस्बों के पास 17 नगर वैन स्थापित की जा रही है। यह शहरी केंद्रों के निवासियों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के लिए शहरी क्षेत्रों में हरित आवरण को बढ़ाएगा। उप-राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण जागरूकता अभियानों ने लोगों में जिम्मेदारी की भावना पैदा की है और यह एहसास बढ़ रहा है कि प्रकृति मानव अस्तित्व के लिए एकमात्र जीवन रेखा है। सभा को संबोधित करते हुए उप-राज्यपाल ने जम्मूकश्मीर के प्रमुख शिक्षा संस्थानों से पर्यावरण संरक्षण अभियानों में नेतृत्व करने का आह्वान किया। अगले पांच साल महत्वपूर्ण होंगे, हमारे प्रमुख शिक्षण संस्थानों क
परिसरों को हरित परिसर में परिवर्तित किया जाना चाहिए। उप-राज्यपाल ने परिसर के चारों ओर 10,000 पेड़ लगाने के लिए आईआईएम जम्मू के प्रयास की सराहना की और परिसर को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए आईआईएम जम्मू को बहुमूल्य सुझाव दिए। उप-राज्यपाल ने छात्रों से ग्राम पंचायत, संगठनों, शहरी स्थानीय निकायों के साथ
काम करने का आह्वान किया जिससे प्राकृतिक संसाधनों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा और स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा। उपराज्यपाल ने उच्च शिक्षा विभाग को केंद्र शासित प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों की ग्रीन रैंकिंग जारी करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर, उपराज्यपाल ने ग्राम पंचायत वृक्षारोपण समितियों के सदस्यों को ग्राम निधि से चेक सौंपे। उन्होंने जन कल्याण के लिए धन का उपयोग करने और अधिक पेड़ लगाने में राशि को फिर से निवेश करने के लिए सरपंचों को प्रभावित किया।
उन्होंने ग्रीन जेएंडके ड्राइव और हर गांव हरियाली का बहुभाषी थीम गीत लॉन्च किया और ढलान स्थिरीकरण, स्थिर सड़कों के लिए ग्रीन ढलान और जन-भागीदारी-द्वितीय पर प्रकाशन और वन संरक्षण पर एक लघु वृत्तचित्र भी जारी किया। कार्यक्र म से इतर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए उप-राज्यपाल ने आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए यूटी प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई।
सरोर टोल प्लाजा के मुद्दे पर बोलते हुए उप-राज्यपाल ने कहा कि लोगों की चिंता जायज है। उन्होंने कहा कि मैंने एनएचएआई के चेयरमैन से इस मुद्दे पर चर्चा की है और आने वाले दिनों में मामला सुलझ जाएगा। राजेंद्र शर्मा, मेयर, जम्मू नगर निगम; प्रोफेसर बी.एस. सहाय, निदेशक आईआईएम जम्मू; धीरज गुप्ता, प्रमुख सचिव, वन; रोशन जग्गी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक; रमेश कुमार, संभागीय आयुक्त जम्मू; पीआरआई सदस्य; वरिष्ठ अधिकारी, आईआईएम जम्मू के संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित थे।