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Pakistan युवाओं को नशे की ओर धकेलने लिए Punjab मॉडल अपनाने की कर रहा कोशिश: DGP

जम्मू: डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि पड़ोसी देश जम्मू-कश्मीर की युवा पीढ़ी को ड्रग्स की ओर धकेलने के लिए पंजाब मॉडल का अनुसरण कर रहा है क्योंकि यहां पर आतंकवाद अपनी मृत्युशैया पर है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब में आतंकवाद समाप्त हुआ तो युवा और लोग नशे की लत का शिकार हुए। पंजाब में जहां आतंकवाद खत्म हो गया, वहीं नशा पीढ़ियों को बर्बाद करने के लिए वहां मौजूद रहा। पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में भी यही मॉडल अपनाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपनी मृत्यु शय्या पर है, लेकिन युवाओं को नशे की ओर आकर्षित करने के लिए हर तरफ से प्रयास जारी हैं।

डीजीपी सिंह ने श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पुलिस शहीद फुटबॉल टूर्नामैंट का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ड्रग्स के प्रति जीरो टॉलरेंस का पालन करते हुए 8000 किलोग्राम ड्रग्स नष्ट किए और 2000 मामले दर्ज किए। लगभग 3000 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनमें से कई एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं क्योंकि नशीली दवाओं की खेप इस तरफ घुसपैठ कर रही है।

सीमा पार से साजिशों के कारण जम्मू-कश्मीर बुरी तरह प्रभावित हुआ लेकिन आज शांति की जीत हुई और आतंकवाद की हार हुई। उन्होंने कहा कि इस समय जम्मूकश्मीर में शांतिपूर्ण माहौल है क्योंकि सड़कों पर पड़े पत्थरों का इस्तेमाल इमारतों और गलियों के निर्माण में किया जा रहा है। पत्थरों का इस्तेमाल अब किसी को घायल करने या चोट पहुंचाने के लिए नहीं किया जाता। यात्रा के बारे में डीजीपी ने कहा कि तीर्थयात्रा सुचारू रूप से चल रही है और अब तक 3 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। तीर्थयात्री श्रीनगर भी आ रहे हैं और घाटी की सुंदरता का आनंद लेने के लिए कश्मीर के अन्य स्थानों पर भी जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उन्होंने शिया समुदाय के मुहर्रम जुलूस को सुविधाजनक बनाने के लिए विस्तृत व्यवस्था की है। कोई भी सांप्रदायिक दरार नहीं होनी चाहिए क्योंकि सभी त्यौहार और धार्मिक दायित्व समान रूप से महत्वपूर्ण और पवित्र हैं। हम शिया समुदाय के साथ सहयोग कर रहे हैं और शांतिपूर्ण मुहर्रम जुलूस सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस शहीद फुटबॉल टूर्नामैट में लगभग 46 टीमें भाग लेंगी। पहली बार चार महिला टीमें टूर्नामैंट में भाग लेंगी। ये आयोजन कौशल प्रदर्शित करने में मदद करते हैं और टीमों को अपनी संस्कृति और विचारों का आदान-प्रदान करने में भी मदद करते हैं।

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