जम्मू: उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज आईआईटी जम्मू के जगती परिसर में नॉर्थ-टेक संगोष्ठी-2023 में भाग लिया। उप-राज्यपाल ने उत्तरी कमान, सोसाईटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चर्स (एसआईडीएम) और आईआईटी जम्मू को संयुक्त रूप से सैकड़ों उद्योगों और रक्षा तकनीक स्टार्टअप की मेजबानी करने और इस साल के नॉर्थ-टेक संगोष्ठी को उनके सहयोग से एक अनूठा अनुभव बनाने के लिए बधाई दी। उप-राज्यपाल ने कहा कि यह शिक्षा जगत के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि इसकी स्थापना के बाद पहली बार नॉर्थ-टेक संगोष्ठी, डिफेंस एक्सपो आईआईटी जम्मू में आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय मेगा इवेंट में भारतीय सेना की अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन किया जाएगा और रक्षा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान, विकास और नवाचार में सेना, उद्योग और शिक्षा जगत के बीच तालमेल बनाया जाएगा। एक्सपो में उप-राज्यपाल ने भारत के रक्षा निर्यातक के रूप में उभरने और रक्षा उत्पादन में आत्म-निर्भरता के बारे में भी बात की। इस अवसर पर उप-राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, देश ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए बड़ा प्रयास देखा है। हम एक जिम्मेदार अंतरिक्ष शक्ति है और हमने अपनी रणनीतिक ताकत दिखाई है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल आईएनएस विक्र ांत के प्रक्षेपण ने स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने के हमारे संकल्प को साबित किया। पिछले 4-5 वर्षों में हमारे हथियारों के आयात में काफी कमी आई है और पिछले वित्तीय वर्ष में रक्षा निर्यात अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यह नवाचार और स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा-मंत्री राजनाथ सिंह जी ने 2027 तक हथियार क्षेत्र में 70 प्रतिशत आत्म-निर्भरता हासिल करने का लक्ष्य रखा है, जो निजी उद्योगों, एमएसएमई और तकनीकी स्टार्टअप को असीमित अवसर प्रदान कर रहा है। यह आत्म-निर्भरता के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता का संकेत देता है।
इस अवसर पर, उपराज्यपाल ने मातृभूमि के प्रति पूर्ण समर्पण और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के दृढ़ संकल्प के लिए सशस्त्र बलों को बधाई दी और उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रही प्रगति के कारण रक्षा क्षेत्र में भी नए नवाचार की जरूरत है। उन्होंने कहा, अनुसंधान एवं विकास, रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार पर हमारा अधिक जोर यह सुनिश्चित करेगा कि भारत भविष्य के युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार है। नॉर्थटेक संगोष्ठी सेना, शिक्षा जगत, निर्माताओं, उद्यमियों, विशेषज्ञों और प्रमुख हितधारकों को रक्षा उत्पादन और प्रौद्योगिकी प्रसार में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए सेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अिद्वतीय समाधानों की पहचान करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
संगोष्ठी में प्रदर्शनियां, उत्पाद लॉन्च, संरचित बातचीत और तकनीकी सेमिनार शामिल होंगे। लेफ्टिनेंट जनरल एम.वी. सुचिन्द्र कुमार, उप सेना प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, जीओसी-इन-सी उत्तरी कमान; लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घेई, जीओसी 15 कोर; प्रोफेसर मनोज एस गौड़, निदेशक, आईआईटी जम्मू; डा. सुनील मिश्र, महानिदेशक, सोसाईटी फॉर इंडियन डिफैस मैन्युफैक्चर्स (एसआईडीएम); सेना, पुलिस, नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, एसआईडीएम के सदस्य, उद्योग जगत के नेता, छात्र और युवा उद्यमी उपस्थित थे।