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गुणवत्तापूर्ण जांच जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और नशीले पदार्थों को रोकने का हथियार: डीजीपी

जम्मू: डीजीपी दिलबाग सिंह ने पुलिस तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (पीटीटीआई) विजयपुर का दौरा कर प्रशिक्षुओं/कार्मिकों के लिए नव स्थापित मूट कोर्ट का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय अभियान मेरी माटी मेरा देश के तहत डीजीपी ने अमृत कलश यात्रत्रा और वृक्षारोपण अभियान भी चलाया। पीटीटीआई विजयपुर के प्रिंसिपल शिव कुमार शर्मा और पुलिस एवं अभियोजन विंग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने डीजीपी का स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया गया। डीजीपी ने प्रशिक्षुओं के साथ-साथ पुलिस कर्मियों के लिए नव स्थापित मूट कोर्ट का उद्घाटन किया।

डीजीपी ने पीटीटीआई विजयपुर के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि मूट कोर्ट मॉक ट्रायल निश्चित रूप से प्रशिक्षुओं/पुलिस कर्मियों को अदालती रीति-रिवाजों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा। उन्होंने विशेष रूप से अभियोजन, गवाहों और जांच अधिकारियों की व्यावसायिकता, कौशल में सुधार के लिए भविष्य में इस तरह के और अधिक मूट कोर्ट मॉक ड्रिल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया ताकि अन्य मामलों के अलावा एनडीपीएस/यूएपीए जैसे मामलों को न्याय के हित में उनके तार्किक निष्कर्ष पर लाया जा सके।

डीजीपी ने कहा कि जघन्य अपराधों की सजा दर में सुधार के लिए सभी का समर्पित प्रयास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यूएपीए और एनडीपीएस मामलों की अच्छी गुणवत्ता वाली जांच भी यूटी में आतंकवाद और नशीली दवाओं के खतरे को रोकने का एक हथियार है। उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय ने अपने निरंतर प्रयासों में अपने जांच अधिकारियों को अदालती कार्यवाही का अवलोकन देने के लिए सभी पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण कार्यक्र म के एक भाग के रूप में म्यूट कोर्ट रूम स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।

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