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उप-सेना प्रमुख ने आईआईटी जम्मू में तीन दिवसीय नॉर्थ टेक संगोष्ठी का किया उद्घाटन

जम्मू: उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने सोमवार को उत्तरी कमान एसआईडीएम और आईआईटी जम्मू द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीन दिवसीय नॉर्थ टेक संगोष्ठी के शुरुआत की घोषणा की। इस संगोष्ठी का समापन 13 सितंबर को होगा। इस आयोजन में उत्तरी कमान मुख्यालय की एक छतरी के अंतर्गत अनेक प्रतिभाशाली लोगों और अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों को आमंत्रित किया गया है और यह “आत्मनिर्भर भारत तकनीकी नवाचार के द्वारा उत्तरी कमान सैन्य अभियान चुनौती का निवारण” विषय पर आधारित है।

रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि इस आयोजन में एमएसएमई, डीआरडीओ, डीपीएसयू, सिम्युलेटर डेवलपमेंट डिवीजन सहित लगभग 180 भारतीय रक्षा कंपनियों की सक्रिय भागीदारी शामिल है। उन्होंने कहा कि संयुक्त सेना-उद्योग भागीदारी के माध्यम से ज्ञान प्रसार के लिए इस मंच का उद्देश्य ‘मेक इन इंडिया’ की सरकारी पहल को आगे बढ़ाना भी है। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी ने उत्तरी कमान में सुरक्षा बलों के सामने आने वाली कुछ जटिल चुनौतियों का समाधान प्रदान करने वाली अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और अभिनव उत्पादों को प्रदर्शित किया है और भारतीय रक्षा उद्योग और सेना के बीच विचारों का पारस्परिक आदान-प्रदान करने के लिए एक आदर्श मंच के रूप में भी काम किया है।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शित प्रौद्योगिकियों और उत्पादों में एक व्यापक कैनवास शामिल है, जिसमें निगरानी और स्थितिजन्य जागरूकता, सामरिक गतिशीलता, मारक क्षमता, सैनिक/ बल संरक्षण, संचार, लड़ाकू चिकित्सा सुविधा, रोबोटिक्स, सिमुलेटर और प्रशिक्षण सहायक उपकरण प्रमुख हैं। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भी इस संगोष्ठी में शामिल होकर इसकी शोभा बढ़ाई।

संगोष्ठी बहुत सफल रहा है और जीओसी-इन-सी, उत्तरी कमान ने सभी विक्रेताओं की पहल और नवाचारों की सराहना की है। उन्होंने प्रतिभागियों की भावना की भी सराहना की, जिन्होंने अपने तकनीकी उपकरणों का प्रदर्शन किया। उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी ने टिप्पणी किया कि वह स्वदेशी प्रौद्योगिकियों की अधिक उपलब्धता से आश्वस्त हैं जो कि देश के आत्मनिर्भर भारत परियोजना को और बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी एक बड़ी सफलता है और यह स्वदेशी रक्षा उत्पादन उद्योगों की शुरुआत है जो जल्द ही देश का मजबूत आधार बनने जा रहे हैं।

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