प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले महीने गाजियाबाद के एक थाने में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में आल्ट न्यूज के सह-संस्थापक Mohammad Zubair की गिरफ्तारी पर शुक्रवार को रोक लगा दी। विवादित संत यति नरंसिहानंद की सहयोगी उदिता त्यागी की शिकायत पर जुबैर के खिलाफ धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्यता बढ़ाने और अन्य कई आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूíत नलिन कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक का आदेश पारित किया। यति नरंसिहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी द्वारा की गई शिकायत में दावा किया गया कि जुबैर ने यति नरंसिहानंद के खिलाफ मुस्लिमों में हिंसा भड़काने के इरादे से तीन अक्टूबर, 2024 को उनके एक पुराने कार्यक्रम का वीडियो पोस्ट किया था। शिकायत में यह आरोप भी लगाया गया कि जुबैर ने नरंसिहानद का संपादित वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, जिसमें पैगंबर मोहम्मद को लेकर नरंसिहानंद की कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणियां शामिल थीं। शिकायत के मुताबिक, इस पोस्ट का मकसद नरंसिहानंद के खिलाफ उग्र भावनाएं भड़काना था और इस पोस्ट में जुबैर ने नरंसिहानंद के कथित भाषण को अपमानजनक बताया था। मोहम्मद जुबैर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्यता बढ़ाना), 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य), 356(3) (मानहानि) और 351 (2) (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जुबैर ने अपनी रिट याचिका में अदालत से प्राथमिकी रद्द करने और उत्पीड़न की कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की है। जुबैर के वकील ने दलील दी कि उनका ‘एक्स’ पर किया गया पोस्ट हिंसा नहीं भड़काता बल्कि उन्होंने नरंसिहानंद के कार्यों के बारे में पुलिस को मात्र सचेत किया और कानून के मुताबिक कार्रवाई की मांग की।