Madhya Pradesh crime : मध्यप्रदेश के इंदौर की एक विशेष अदालत ने सात वर्षीय लड़की से दुष्कर्म के 22 वर्षीय मुजरिम को शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई। अभियोजन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। विशेष न्यायाधीश सविता जड़िया ने मंगल पंवार (22) को तत्कालीन भारतीय दंड विधान की धारा 376 (एबी) (12 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के दो संबद्ध प्रावधानों के तहत मृत्युदंड सुनाया।
पांच लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किए जाने का आदेश
पॉक्सो अधिनियम से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत ने क्रूरतापूर्ण दुष्कर्म के कारण पीड़िता को हुई मानसिक और शारीरिक पीड़ा के मद्देनजर उसे पांच लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किए जाने का आदेश भी दिया। प्रभारी जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजय कुमार मीना ने बताया कि शहर के हीरा नगर थानाक्षेत्र में 27 फरवरी 2024 को अपने घर के बाहर खेल रही सात वर्षीय लड़की को पंवार पास के खाली भूखंड पर ले गया, जहां उसने उसके साथ बेहद क्रूरता से दुष्कर्म किया जिससे उसके निजी अंगों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा था। उन्होंने बताया कि विशेष अदालत ने नाबालिग लड़की से क्रूरतापूर्ण दुष्कर्म की घटना को दुर्लभ से भी दुर्लभतम प्रकरण की श्रेणी में रखते हुए मुजरिम को मृत्युदंड सुनाया। इस मामले में अभियोजन की ओर से खुद मीना ने पैरवी की थी। उन्होंने बताया कि पंवार पर जुर्म साबित करने के लिए अदालत में अभियोजन की ओर से 22 गवाह, पीड़ित लड़की की मेडिकल रिपोर्ट और मुजरिम की डीएनए रिपोर्ट पेश की गई थी।