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ट्रक से उड़ाना चाहता था White House को… अब इस भारतीय को मिली 8 साल की सजा

Blow up White House with truck; नेशनल डेस्क : अमेरिका में व्हाइट हाउस पर हमले के प्रयास के मामले में भारतीय नागरिक साईं वर्षित कंडुला को 8 साल की सजा सुनाई गई है। यह घटना मई 2023 में हुई थी, जब कंडुला ने एक ट्रक के जरिए व्हाइट हाउस में टक्कर मारने का प्रयास किया। अमेरिकी न्याय विभाग ने इस हमले के मकसद को गंभीर बताते हुए कंडुला को सजा दी है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

आरोपी ने कबूला अपना जुर्म 

न्याय विभाग के अनुसार, कंडुला का यह हमला अमेरिकी लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से किया गया था। उसका लक्ष्य था कि अमेरिकी सरकार को नष्ट करके नाजी विचारधारा से प्रेरित तानाशाही शासन की स्थापना की जाए। यह बहुत गंभीर आरोप था, जो कंडुला पर लगाया गया। वहीं कंडुला ने 13 मई 2024 को अमेरिकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और तोड़फोड़ के आरोप में अपना जुर्म कबूल किया था। वह ग्रीन कार्ड के साथ अमेरिका का वैध स्थायी निवासी है।

ह्वाइट हाउस पर हमले का तरीका

बता दें कि कंडुला ने 22 मई 2023 को सेंट लुईस, मिसौरी से वाशिंगटन डी.सी. के लिए उड़ान भरी थी। वह शाम 5:20 बजे डलेस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा और शाम 6:30 बजे एक ट्रक किराए पर लिया। इसके बाद वह वाशिंगटन डी.सी. के एक चौराहे पर ट्रक से व्हाइट हाउस और राष्ट्रपति पार्क की सुरक्षा करने वाले अवरोधों से टकरा गया।

हमले के दौरान अफरातफरी मची

कंडुला ने ट्रक को फुटपाथ पर चढ़ा दिया, जिससे पास से गुजर रहे लोगों में अफरातफरी मच गई। इसके बाद कंडुला ट्रक से बाहर निकलकर अपने बैग से नाजी स्वास्तिक ध्वज को निकाला और लाल-सफेद रंग का झंडा लहराया। यह सब कर उसने अपनी मंशा को और स्पष्ट कर दिया। जिसके बाद अमेरिकी पार्क पुलिस और अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने कंडुला को घटनास्थल पर ही गिरफ्तार कर लिया और उसे हिरासत में ले लिया।

सजा और अदालत का फैसला

अदालत ने कंडुला को आठ साल की जेल की सजा सुनाई। इसके साथ ही, जज डैबनी एल. फ्रेडरिक ने कंडुला को तीन साल की अतिरिक्त सजा भी दी। यह घटना गंभीर रूप से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई थी। कंडुला ने जिस तरीके से व्हाइट हाउस पर हमला करने की कोशिश की, वह न केवल अमेरिकी कानून का उल्लंघन था, बल्कि इसके पीछे के विचार भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ थे। अदालत ने उसे कड़ी सजा देकर यह संदेश दिया है कि इस प्रकार के हमलों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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