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होली के दिन इस दिग्गज एक्टर का निधन, काजोल और रानी मुखर्जी का रो-रोकर बुरा हाल

Mourning spread film industry Deb Mukherjee Death; नेशनल डेस्क : आज पूरे देश में होली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। सभी लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ इस पावन पर्व को मनाने में लगे हुए है। इस बीच बॉलीवुड से एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि काजोल और रानी मुखर्जी के चाचा और निर्देशक अयान मुखर्जी के पिता, बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता देब मुखर्जी अब हमारे बीच नहीं रहे। देब मुखर्जी का 83 वर्ष की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया। उनके निधन की खबर होली के त्योहार के बीच आई, जिसने पूरे परिवार और बॉलीवुड को गहरे सदमे में डाल दिया। उनके प्रवक्ता ने पुष्टि की कि देब मुखर्जी का निधन उम्र से संबंधित बीमारियों के कारण हुआ। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

परिवार के लिए एक कठिन समय

आपको बता दें कि काजोल और रानी मुखर्जी दोनों ही अपने चाचा देब मुखर्जी के साथ बहुत करीब थीं। देब मुखर्जी आशुतोष गोवारिकर के ससुर भी थे। उनका निधन परिवार के लिए एक बड़ा नुकसान है। देब मुखर्जी का अंतिम संस्कार 14 मार्च को शाम 4 बजे जुहू स्थित पवन हंस श्मशान घाट पर किया जाएगा। इस दौरान अजय देवगन,काजोल, रानी मुखर्जी, तनिषा, आदित्य चोपड़ा, तनुजा, आशुतोष गोवारिकर सहित परिवार के कई सदस्य उपस्थित रहेंगे। रणबीर कपूर और आलिया भट्ट भी इस अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं। देब मुखर्जी एक प्रसिद्ध समर्थ-मुखर्जी परिवार का हिस्सा थे, और इस परिवार से बॉलीवुड के कई मशहूर सितारे जुड़े हुए हैं, जो अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं।

फिल्मों में किया योगदान

बता दें कि देब मुखर्जी ने 60 के दशक में अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने ‘तू ही मेरी जिंदगी’ और ‘अभिनेत्री’ जैसी फिल्मों में छोटी भूमिकाएं निभाई थीं। हालांकि, उन्होंने सफलता के लिए बहुत संघर्ष किया, खासकर अपने भाई जॉय मुखर्जी के मुकाबले। बाद में उन्होंने ‘दो आंखें’ और ‘बातों बातों में’ जैसी बड़ी फिल्मों में भी काम किया। अपने करियर के अंत में उन्होंने ‘जो जीता वही सिकंदर’ और ‘किंग अंकल’ जैसी फिल्मों में सहायक भूमिकाएं निभाईं। उनका आखिरी फिल्मी योगदान 2009 में आया था, जब वे विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘कमीने’ में एक छोटी भूमिका में दिखाई दिए थे।

काजोल के सगे चाचा थे देब मुखर्जी

दरअसल, देब मुखर्जी काजोल के सगे चाचा थे। काजोल के दादा, प्रोड्यूसर सशाधर मुखर्जी थे, और उनके सबसे बड़े बेटे शोमू मुखर्जी (काजोल के पिता) थे। देब मुखर्जी, जॉय मुखर्जी, रोनो मुखर्जी, और सुब्बीर मुखर्जी काजोल के सगे चाचा थे। देब मुखर्जी का जन्म 1941 में कानपुर में हुआ था, और वह एक प्रतिष्ठित फिल्म परिवार से थे। उनकी मां सतीदेवी, जो कि अशोक कुमार, अनूप कुमार और किशोर कुमार की एकमात्र बहन थीं, बॉलीवुड के प्रसिद्ध परिवार से जुड़ी थीं।

परिवार का विस्तार

बता दें कि देब मुखर्जी की दो शादियां हुई थीं। उनकी पहली शादी से उनकी बेटी सुनीता का विवाह प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर से हुआ था। उनकी दूसरी शादी से उनका बेटा अयान मुखर्जी हुआ, जो कि एक प्रसिद्ध निर्देशक हैं। देब मुखर्जी का निधन परिवार और बॉलीवुड के लिए एक बड़ा नुकसान है, और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

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