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रेल मंत्री ने बताया बरौनी हादसे की सच्चाई, मैनुअल कपलिंग का नहीं था कोई संबंध, ये थी असली वजह 

नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, और इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिहार के बरौनी में एक रेलवे कर्मचारी की मौत के मामले में अपनी बात रखी। इस घटना को लेकर उन्होंने सांसदों के सवालों का जवाब दिया और इस दुर्घटना के कारणों पर चर्चा की।

दुर्भाग्यपूर्ण घटना और कारण
रेल मंत्री ने कहा कि यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, जो 9 नवंबर को घटी। इस घटना में एक रेलवे कर्मचारी की मौत हो गई थी। वैष्णव ने स्पष्ट किया कि यह दुर्घटना कपलिंग या अनकपलिंग से संबंधित नहीं थी, बल्कि यह कर्मचारियों के बीच संवाद (कम्यूनिकेशन) की गड़बड़ी के कारण हुई थी।

एलएचबी कोचों की सुरक्षा में सुधार
रेल मंत्री ने सत्र के दौरान शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि  1999-2000 के दौरान जो पुराने कोच इस्तेमाल किए थे, उनकी तुलना में अब एलएचबी कोचों का उपयोग किया जा रहा है। एलएचबी कोचों में कपलिंग और डिकूपिंग (कोचों को जोड़ना और अलग करना) मैन्युअल हस्तक्षेप के बिना होता है, जिससे सुरक्षा में सुधार हुआ है।

कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कदम
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे में कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से सुरक्षा अभियान चलाए जाते हैं। इन अभियानों के तहत कर्मचारियों को काम करते समय सतर्क रहने के लिए सलाह दी जाती है। इसके अलावा, रेलवे कर्मचारियों को नियमित अंतराल पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है, ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।

स्वचालित कपलिंग प्रणाली का विकास
वैष्णव ने यह भी बताया कि रेलवे में अब स्वचालित कपलिंग (कोचों को जोड़ने की प्रणाली) को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए उन्नत अर्ध-स्वचालित कप्लर्स विकसित किए गए हैं, जो बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के कोचों को जोड़ने की क्षमता रखते हैं। यह प्रणाली दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करेगी।

आईसीएफ कोचों की जगह एलएचबी कोचों का प्रयोग
रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे ने पुराने आईसीएफ कोचों को एलएचबी कोचों से बदलने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने आंकड़े देते हुए बताया कि 2004 से 2014 तक 2,337 आईसीएफ कोच बनाए गए थे, जबकि 2014 से 2024 तक 36,933 एलएचबी कोच बनाए गए हैं।

अमृत भारत और वंदे भारत ट्रेनों के लिए उन्नत कप्लर्स
रेल मंत्री ने यह भी कहा कि अमृत भारत और वंदे भारत ट्रेनों के लिए उन्नत अर्ध-स्वचालित कप्लर्स भी विकसित किए गए हैं। यह कपलर्स बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के स्वचालित कपलिंग सक्षम करते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और भी कम हो जाती है। रेल मंत्री ने यह साफ किया कि भारतीय रेलवे सुरक्षा को लेकर लगातार कदम उठा रहा है और कर्मचारियों को सुरक्षित कामकाजी माहौल प्रदान करने के लिए कई पहल की जा रही हैं।

 

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