Rang Panchami 2025: हिंदू धर्म में कई व्रत और त्यौहार मनाए जाते हैं और उनमें से एक है रंग पंचमी। बता दे कि रंग पंचमी होली के पांच दिन बाद मनाई जाती है। दरअसल यह त्यौहार उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाई जाती है। यह त्यौहार विशेष रूप से नंदा की गलियों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। क्योंकि माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी। बता दे कि इस होली को देखकर श्री कृष्ण और राधा रानी पर देवी-देवताओं ने पुष्प वर्षा की थी।
पंचांग के अनुसार रंग पंचमी आज मनाई जा रही है क्योंकि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 19 मार्च को पड़ रही है। इस दिन भक्त भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करते है और उन्हें फूल अर्पित करते हैं। तो चलिए विस्तार में जानते है किस रंग का गुलाब है शुभ
जानें पूजा विधि और गुलाल का शुभ रंग
– इस दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
– इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई की जाती है और चबूतरे को सजाया जाता है।
– बता दें कि मंच पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान कृष्ण और राधा रानी की मूर्ति रखें।
– इसके बाद श्री कृष्ण और राधा रानी के सामने चंदन, अक्षत और गुलाब की पंखुड़ियां अर्पित की जा सकती हैं।
– इस दिन पूजा में लाल और गुलाबी गुलाब का उपयोग बहुत शुभ माना जाता है।
– मान्यता के अनुसार श्री कृष्ण और राधा रानी के सामने लाल और गुलाबी गुलाब चढ़ाने की विशेष आस्था है।
– गुलाल अर्पित करके जोत जलाएं और आरती करें। रंग पंचमी मंत्रों का जाप करें।
– रंग पंचमी के दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी को खीर, फल और पंच अमृत का भोग लगाएं ।
– इसके बाद पूजा पूरी मानी जाती है।
रंग पंचमी पर करें इन मंत्रों का जाप
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ वृषभानुज्यै विधमहे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात
ऊं ह्नीं राधिकायै नम:
श्रीं ह्रीं क्लीं कृष्णाय नमः’ ओम कृष्णाय वद्महे दामोगराय धीमहि तन्नः कृष्ण प्रचोदयात्।
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः