Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज कुंभ में श्रद्धा और आस्था का महासंगम देखने को मिल रहा है। 31 जनवरी 2025, सुबह 10 बजे तक, मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर 66.72 लाख से अधिक श्रद्धालु संगम में पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं। इनमें 10 लाख से अधिक कलपवासी शामिल हैं, जो पूरे माह गंगा किनारे तप और साधना कर रहे हैं। वहीं, आज सुबह तक 56.72 लाख श्रद्धालु संगम नगरी में पहुंच चुके हैं और लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।
अब तक 29.64 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया स्नान
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है। 30 जनवरी 2025 तक कुल 29.64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। मौनी अमावस्या के इस विशेष स्नान पर्व पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी आस्था के चलते लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से प्रयागराज आकर इस दिव्य अवसर का लाभ उठा रहे हैं।
श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन के विशेष इंतजाम
मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा और सुविधाओं की व्यवस्था की है। संगम क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, जिससे स्नान करने आए श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी के जरिए निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं और परिवहन की भी विशेष व्यवस्था की गई है। घाटों पर मेडिकल कैंप लगाए गए हैं, जहां श्रद्धालुओं को तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। स्नान घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग की गई है और संगम क्षेत्र में अतिरिक्त वॉच टावर लगाए गए हैं।
रेलवे और परिवहन विभाग भी श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रख रहा है। मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज से 364 विशेष ट्रेनें चलाई गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो। साथ ही, अतिरिक्त बस सेवाएं भी शुरू की गई हैं।
तीर्थराज प्रयाग में धार्मिक अनुष्ठान और दान-पुण्य का दौर जारी
संगम में स्नान के बाद श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर पूजा-अर्चना और दान-पुण्य कर रहे हैं। इस अवसर पर अन्नदान, वस्त्रदान और गौसेवा का विशेष महत्व माना जाता है। संत-महात्माओं के प्रवचन भी जारी हैं, जिसमें श्रद्धालुओं को धर्म, आध्यात्म और भक्ति का संदेश दिया जा रहा है।
अभी जारी रहेगा आस्था का सैलाब
प्रशासन का अनुमान है कि दिनभर में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ेगी और शाम तक स्नान करने वालों की संख्या नया रिकॉर्ड बना सकती है। मौनी अमावस्या के इस शुभ अवसर पर संगम नगरी आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो चुकी है, जहां हर तरफ भक्तों की श्रद्धा और आस्था का भव्य नजारा देखने को मिल रहा है।