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शुरुआत में ही जांच से भारत में 80 फीसदी कैंसर का हो सकता है इलाज

नई दिल्ली: भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अगर पहले ही कैंसर के मामलों का पता लगा लिया जाए को इससे कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के आंकड़ों की मानें तो देश में कैंसर के मामले 2022 में 14.6 लाख थे जिनका 2025 में बढ़कर 15.7 लाख होने का अनुमान है।

यूनिक हॉस्पिटल कैंसर सैंटर के मुख्य ऑन्कोलॉजिस्ट आशीष गुप्ता ने बताया, ‘भारत में कैंसर पर जीत हासिल करने के लिए पहला कदम लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है, जिससे कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद मिल सके। यदि पहली और दूसरी स्टेज में इस बीमारी का पता लगा लिया जाए तो 80 प्रतिशत से अधिक मामलों में कैंसर का इलाज संभव है।’

देश में कैंसर मुक्त भारत अभियान का नेतृत्व कर रहे आशीष गुप्ता ने कहा, ‘लक्षण विकसित होने और इस पर ध्यान जाने तक कई मरीज कैंसर के स्टेज तीन या चार में पहुंच चुके होते हैं तब इलाज की दर 25 प्रतिशत से भी कम हो जाती है। तीन सामान्य कैंसर ओरल, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम, नियंत्रण और जांच के लिए जनसंख्या आधारित पहल अपनाई जानी चाहिए, जो भारत में सबसे अधिक पाए जाने वाले कैंसर हैं।

ऐसे में कैंसर जागरूकता अभियान का लक्ष्य पूरे भारत में 10 लाख लोगों तक पहुंचना है। फोर्टिस मैमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट के हेमेटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट के प्रधान निदेशक राहुल भार्गव के अनुसार, ‘मल्टी कैंसर प्रारंभिक पहचान परीक्षण, एक प्रकार की तरल बायोप्सी है जिसके जरिए प्रारंभिक चरण में कैंसर का पता लगाने में मदद मिलती है और इसके लिए ही इसका उपयोग किया जाता है। ताकि इस जानलेवा बीमारी से लोगों को बचाया जा सके। विशेषज्ञों ने आगे कहा कि कैंसर के पता चलने के बाद पहले दिन से शुरू होने वाले सही उपचार सबसे महत्वपूर्ण है।

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