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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114वायु में नाइट्रस ऑक्साइड जैसे प्रदूषक तत्वों का स्तर बढ़ने से रजोनिवृत्त हो चुकी महिलाओं की हड्डियों को नुक्सान पहुंचा सकता है। एक अध्ययन में अमरीका स्थित ‘कोलंबिया यूनीवर्सिटी मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ’ के वैज्ञानिकों ने पाया कि नाइट्रस ऑक्साइड (एनओ) का असर सामान्य महिलाओं की तुलना में रजोनिवृत्त हो चुकी महिलाओं की कटि-कमर के लिए दोगुना हानिकारक होता है। अलगअलग प्रदूषक तत्वों पर पूर्व में किये गये अध्ययनों ने वृद्ध व्यक्तियों में अस्थि खनिज घनत्व, आस्टियोपोरोसिस के खतरे और फ्रैक्चर पर प्रतिकूल प्रभाव के संकेत दिए थे। ‘ईक्लिनिकल मैडीसन’ पत्रिका में प्रकाशित यह नवीनतम शोध, विशेष रूप से रजोनिवृत्त हो चुकी महिलाओं में वायु प्रदूषण और अस्थि खनिज घनत्व के बीच संबंध का पता लगाने वाला तथा हड्डी के परिणामों पर वायु प्रदूषण मिश्रण के प्रभावों का पता लगाने वाला पहला शोध है। शोधकर्ताओं ने ‘वीमैन्स हैल्थ इनीशिएटिव’ के जरिए संग्रहित आंकड़ों के माध्यम से इसका विश्लेषण किया है। इसमें विभिन्न जातीय समूहों की 1.60 लाख से अधिक महिला सदस्य हैं।
उन्होंने प्रतिभागियों के घर के पते के आधार पर वायु प्रदूषकों (पीएम10, एनओ, एनओटू, और एसओटू) के जोखिम का अनुमान लगाया। ‘कोलंबिया मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ’ के एसोसिएट रिसर्च साइंटिस्ट डिड्डिएर प्रादा ने कहा, हमारे निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि सामाजिक आर्थिक या जनसांख्यिकीय कारकों से इतर खराब हवा की गुणवत्ता हड्डियों के नुक्सान के लिए एक जोखिम कारक हो सकती है। प्रादा ने कहा, हमारे पास पहली बार यह सबूत मौजूद हैं कि नाइट्रोजन आॅक्साइड, विशेष रूप से, अस्थियों के क्षय में एक प्रमुख कारक की भूमिका निभाते हैं और कटि-कमर इसकी जद में आने वाले अतिसंवेदनशील स्थलों में से एक है।’ शोधकर्ताओं ने कहा कि आस्टियोपोरोसिस पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है और इस बीमारी से पीड़ित 1 करोड़ से अधिक अमरीकियों में 80 प्रतिशत महिलाएं हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, रजोनिवृत्त हो चुकी महिलाओं को इस बीमारी से ज्यादा खतरा होता है और आकंड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि 50 वर्ष की उम्र से अधिक की दो में एक महिला की हड्डी आस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर होती है।