नई दिल्ली: ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (जीएसके) ने भारत में शिंगल्स (हर्पेस जोस्टर) की बीमारी और पोस्ट-हर्पेटिक न्यूरल्जिया से बचाव के लिए शिंगरिक्स (जोस्टर वैक्सीन रीकॉम्बिनेंट, एडजुवेंटेड) टीका पेश किया है। यह 50 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए है।
शिंगरिक्स इंजैक्शन से माध्यम से दो खुराक के रूप में मांसपेशियों में लगाई जाती है। शिंगल्स की समस्या शरीर में वेरिसेला जोस्टर वायरस (वीजेडवी) के पुन: सक्रिय होने से पैदा होती है। यह वही वायरस है जो शरीर में चिकनपॉक्स (चेचक) का कारण बनता है।
कंपनी का दावा है कि यह टीका कम-से-कम 10 साल के लिए शिंगल्स से बचाव करेगा। भारतीयों पर किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि 40 की उम्र आने तक 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के शरीर में यह वायरस उपस्थित होता है और उनमें शिंगल्स की बीमारी पनपने का खतरा रहता है।