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भारत में युवतियों के बीच बढ़ रहे स्तन कैंसर के मामले: विशेषज्ञ

नई दिल्ली: विशेषज्ञों के मुताबिक अबतक स्तन कैंसर को वृद्धावस्था से जुड़ी बीमारी माना जाता था लेकिन गत तीन दशक में स्थिति बदली है और 50 साल के कम उम्र की महिलाओं में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। स्तन कैंसर भारत सहित दुनिया भर में महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम.

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नई दिल्ली: विशेषज्ञों के मुताबिक अबतक स्तन कैंसर को वृद्धावस्था से जुड़ी बीमारी माना जाता था लेकिन गत तीन दशक में स्थिति बदली है और 50 साल के कम उम्र की महिलाओं में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। स्तन कैंसर भारत सहित दुनिया भर में महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम कैंसर का प्रकार है। भारतीय आयुíवज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं में होने वाले कैंसर में स्तन कैंसर का हिस्सा 28.2 प्रतिशत है।सोनाली बेंद्रे, ताहिरा कशय़प और महिमा चौधरी कुछ र्चिचत हस्तियां हैं जिन्हें 50 साल की कम उम्र में कैंसर हुआ और वे इलाज के बाद इस बीमारी को हराने में सफल रहीं। यूनिक हॉस्पिटल कैंसर सेंटर में कैंसर रोग विभाग के प्रमुख डा. आशीष गुप्ता, ने कहा, ‘कैंसर अब केवल वृद्धों की बीमारी नहीं रह गई है। यह युवा आयु वर्ग की महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है, खासकर 50 वर्ष से कम आयु की महिलाओं में।’ वह भारत में कैंसर मुक्त भारत अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर की शुरुआज जल्दी होना मुख्य रूप से जीन, जीवनशैली संबंधी कारकों जैसे खराब पोषण, अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन और पूरी तरह से शारीरिक गतिविधियों से दूरी वाली जीवनशैली तथा पर्यावरण प्रदूषण के कारण होता है। कैंसर मुक्त भारत फाउंडेशन के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, भारत में कैंसर पीड़ित मरीजों में 40 वर्ष से कम आयु के लोगों की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत है जबकि युवा वयस्कों में स्तन कैंसर के मामले 15 प्रतिशत हैं। नई दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल के वरिष्ठ रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट और लेनस ऑन्कोलॉजी इंस्टीच्यूट के निदेशक डा. विनीत नाकरा ने कहा, ‘शहरी आबादी में देर से बच्चे पैदा करना, स्तनपान में कमी और गलत आहार विकल्पों सहित जीवनशैली में धीरे-धीरे बदलाव के कारण युवा महिलाओं में स्तन कैंसर बढ़ रहा है।’

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