विज्ञापन

Breast Cancer : ब्रेस्ट कैंसर से कई महिलाओं की गई जान, शुरुआती लक्षणों को पहचान कर प्राप्त करे उपचार

Breast Cancer : ब्रेस्ट कैंसर से कई महिलाओं को गई जान, शुरुआती लक्षणों को पहचान कर प्राप्त करे सफल उपचार Breast Cancer : ब्रेस्ट कैंसर से हर साल कई महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है, तो कई ऐसी भी होती हैं, जो समय रहते इसके शुरुआती लक्षण को समझ कर इससे जुड़े चिकित्सकीय उपचार.

Breast Cancer : ब्रेस्ट कैंसर से कई महिलाओं को गई जान, शुरुआती लक्षणों को पहचान कर प्राप्त करे सफल उपचार
Breast Cancer : ब्रेस्ट कैंसर से हर साल कई महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है, तो कई ऐसी भी होती हैं, जो समय रहते इसके शुरुआती लक्षण को समझ कर इससे जुड़े चिकित्सकीय उपचार को अपनाती हैं, जिससे उन्हें नई जिंदगी मिलती है, लेकिन कई बार लोगों को इसकी उचित जानकारी नहीं होती है। इसी वजह वो उपचार में लापरवाही बरत लेती हैं, जिसका नतीजा आगे चलकर भयावह निकलता है। ब्रेस्ट कैंसर को लेकर बिरला अस्पताल के डॉ. रोहन खंडेलवाल बताते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे आम है। हालांकि यह पुरुषों में भी हो सकता है। लेकिन, अगर इसे समय रहते पहचान लिया जाए, तो इलाज अधिक सफल होता है और ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। डॉ. बताते हैं कि अगर हम कैंसर के लक्षण, उपचार और इसके कारणों को समझें, तो हम अपने स्वास्थ्य पर अधिक नियंत्रण रख सकते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर में होने वाली शुरुआती लक्षण के बारे में जानकारी
इसके शुरुआती लक्षण के बारे में भी जानकारी दी। वे बताते हैं कि ब्रेस्ट में या बगल में एक गांठ महसूस हो सकती है, जिसमें आमतौर पर दर्द नहीं होता है। हालांकि, सभी गांठें कैंसर नहीं होतीं, लेकिन इसकी जांच जरूरी है। वो बताते हैं कि स्तन के आकार या आकृति में कोई बदलाव हो तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, त्वचा लाल होना, गड्ढे पड़ना या नारंगी के छिलके जैसी दिखाई देना स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। वे बताते हैं कि निप्पल से स्नव होना या उसमें खिंचाव आना, खासकर अगर स्नव खून या अन्य तरल पदार्थ हो, तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है। इसके साथ ही वह बताते हैं कि अगर दर्द लंबे समय तक हो और चक्र से संबंधित न हो, तो इसकी जांच करवाना चाहिए। बगल में सूजन या बढ़े हुए लिम्फ नोड्स कैंसर का संकेत हो सकते हैं।


डॉ ने इसके उपचार के बारे में भी दी जानकारी
डॉ बताते हैं कि इसका उपचार कई तरह से किया जा सकता है। इसमें सबसे पहले सजर्री है। इसमें ट्यूमर हटाया जाता है। इसके अलावा रेडिएशन थेरेपी है। इसके तहत कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए विकिरण का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही उपचार के लिए कीमोथेरेपी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवाओं के जरिए कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करता है या उनकी वृद्धि को रोकता है। वहीं, हार्मोन थेरेपी से भी इसका उपचार किया जा सकता है। इसके तहत हार्मोन एस्ट्रोजन या प्रोजेस्टेरोन के प्रभाव को कम किया जाता है, जिससे कैंसर की वृद्धि पर नियंत्रण पाया जाता है।
डॉ. बताते हैं कि 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक होता है। अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो, तो किसी दूसरे को होने की आशंका बढ़ जाती है। वे बताते हैं कि इसके पीछे कई बार हार्मोनल कारण भी होते हैं। इसमें जल्दी मासिक धर्म शुरू होना, हार्मोन एस्ट्रोजन के लंबे समय तक संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
डॉ. बताते हैं कि शराब का अधिक सेवन, व्यायाम की कमी और अधिक वजन, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद, स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं। वे बताते हैं कि स्तन कैंसर के बारे में इन लक्षणों और कारणों को जानकर हम समय रहते इसकी पहचान कर सकते हैं और इलाज के बेहतर विकल्प पा सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर ले।

Latest News