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गर्मी के प्रकोप को मापने के लिए अगले साल तक भारत का अपना सूचकांक होगा

नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि भारत अपनी जनसंख्या पर गर्मी के प्रभाव को मापने और विशिष्ट स्थानों के लिए चेतावनी जारी करने के लिहाज से अगले साल अपना खुद का समग्र सूचकांक जारी करेगा। आईएमडी ने पिछले सप्ताह देश के विभिन्न भागों के लिए प्रायोगिक गर्मी सूचकांक जारी करना शुरू किया है। इसके लिए तापमान और सापेक्षित आर्द्रता को मापा जा रहा है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘ग्रीष्म सूचकांक एक प्रायोगिक उत्पाद है। यह अभी विधिमान्य नहीं है और हमने (आईएमडी की वैबसाइट पर) इसका उल्लेख भी किया है।

अब हम अपनी खुद की प्रणाली तैयार कर रहे हैं। यह एक बहु-मानकीय उत्पाद होगा जिसे ‘हीट हजार्ड स्कोर’ कहा जाएगा। हमें उम्मीद है कि यह अन्य प्रणालियों से बेहतर होगा।’ उन्होंने बताया कि इसमें तापमान और आर्द्रता के साथ ही हवा और अवधि जैसे अन्य मानदंडों का भी समाकलन किया जाएगा। महापात्र ने कहा कि यह जनता के लिए गर्मी के प्रकोप का प्रभावी संकेतक होगा। आईएमडी प्रमुख ने कहा कि ‘हजार्ड स्कोर’ करीब 2 महीने में तैयार होगा और अगली गर्मी के मौसम तक यह परिचालन में आ जाएगा। क्या आईएमडी ने इसमें स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों को भी जोड़ा है, इस प्रश्न पर बताया गया कि इसे धीरे-धीरे शामिल किया जाएगा।

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