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धूम्रपान में निकोटिन की मात्रा कम करने के लिए बनाया सिगरेट फिल्टर

नई दिल्ली : आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र प्रतीक शर्मा ने धूम्रपान करने वालों के लिए एक ऐसा सिगरेट फिल्टर विकसित किया है जो न सिर्फ उनके शरीर में जाने वाली निकोटिन की मात्र को कम करेगा बल्कि उन्हें इस आदत को छोड़ने में भी मदद करेगा। आईआईटी के इस छात्र को यह विचार 2018 में सिनेमाघर में एक फिल्म के दौरान धूम्रपान नहीं करने की सलाह देने वाला परामर्श देखने के बाद आया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से 2015 में स्नातक की पढ़़ाई पूरी करने वाले शर्मा ने ‘सिगीबड’ नाम से दुनिया का पहला ऐसा सिगरेट फिल्टर बनाया है जो धूम्रपान की लत को छोड़ने में मदद करेगा।

शर्मा का दावा है कि ‘सिगीबड’ बाजार में उतर रहा है और यह सिगरेट पीने वालों के अनुभव या स्वाद में कोई बदलाव किए बगैर धूम्रपान के दौरान उनके शरीर के भीतर जाने वाली 80 फीसदी निकोटिन को फिल्टर कर सकता है। गौरतलब है कि सिगरेट के लिए फिल्टर बनाने का विचार जब शर्मा के ज़ेहन में आया तो उस वक्त वह मानव स्वास्थ्य पर प्रदूषण के असर को कम करने के लिए आधुनिक वायु फिल्टरेशन का उपाय खोज रहे थे। आईआईटी दिल्ली में पढ़ने के दौरान शर्मा ने अपने प्रोफैसर की मदद से ‘नैनोफाइबर टैक्नोलॉजी’ विकसित की और उसे पेटैंट कराया। 2015 में स्नातक करने पर उन्होंने इस तकनीक पर आधारित उत्पाद बनाने और उन्हें बाजार में उतारने पर काम शुरू किया। यहां तक कि शर्मा की लीक से हटकर इस सोच को राष्ट्रपति ने 2017 में ‘स्टार्टअप नैशनल अवार्ड’ दिया था।

निकोटिन के नशे के कारण नहीं छोड़ पाते आदत

शर्मा की टीम ने एक शोध किया जिसमें उन्हें पता चला कि धूम्रपान करने वाले 63 प्रतिशत लोग इस आदत को छोड़ना चाहते हैं लेकिन निकोटिन के नशे के कारण ऐसा कर नहीं पाते। टीम को यह भी पता चला कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बिना किसी मदद के महज 4 फीसदी लोग ही धूम्रपान छोड़ने में कामयाब हो पाते हैं। शर्मा ने दावा किया, ‘हमें अहसास हुआ कि धूम्रपान छोड़ने की सलाह देने और वास्तव में धूम्रपान छोड़ने में बहुत बड़ा अंतर है। हमने 4 साल मेहनत की.. और सिगीबड बनाया. यह धूम्रपान छोड़ने में मदद करने वाला दुनिया का पहला सिगरेट फिल्टर है। यह धूम्रपान करने वालों को 3 महीने में यह आदत छोड़ने में मदद करेगा।’ शर्मा के अनुसार, यह फिल्टर धीरे-धीरे धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के शरीर में निकोटिन की मात्र कम करके उसकी आदत को बदलता है।

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