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अगर आप भी दिनभर रहते हैं बैठे, तो आपकी सेहत पर भी पड़ सकता हैं बुरा असर

न्यूयॉर्क : बैठे रहने के नकारात्मक असर को कम करने के लिए हर आधे घंटे पर पांच मिनट तक हल्का टहलना चाहिए। यह अहम निष्कर्ष हमारे नए शोध में निकला है, जो जर्नल मैडीसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज में प्रकाशित हुआ है। हमने 11 स्वस्थ अधेड़ उम्र के और उम्रदराज वयस्कों को काम.

न्यूयॉर्क : बैठे रहने के नकारात्मक असर को कम करने के लिए हर आधे घंटे पर पांच मिनट तक हल्का टहलना चाहिए। यह अहम निष्कर्ष हमारे नए शोध में निकला है, जो जर्नल मैडीसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज में प्रकाशित हुआ है। हमने 11 स्वस्थ अधेड़ उम्र के और उम्रदराज वयस्कों को काम करने के आदर्श समय आठ घंटे तक अपनी प्रयोगशाला में पांच दिन बैठने को कहा। पहले दिन प्रतिभागी पूरे आठ घंटे तक बैठे रहे और केवल मूत्रलय जाने के लिए ही कुछ समय के लिए विराम लिया। बाकी दिनों में हमने उनके लगातार बैठने की परिपाटी को तोड़ने और हलका टहलने के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई। उदाहरण के लिए एक दिन हमने प्रतिभागियों को हर आधे घंटे पर एक मिनट टहलने को कहा ,जबकि अन्य दिन उन्हें हर घंटे पांच मिनट टहलने को कहा। हमारा उद्देश्य इस बात का पता लगाना था कि न्यूनतम कितना टहलने से बैठे रहकर काम करने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है। खासतौर पर हमने इस दौरान ,खून में शर्करा का स्तर और रक्त चाप मापा, जो हृदय संबंधी बीमारियों के लिए अहम जोखिमपूर्ण कारक हैं। हमने पाया कि प्रत्येक आधे घंटे में पांच मिनट हल्का टहलना ही एकमात्र रणनीति है, जिससे दिनभर बैठकर काम करने के मुकाबले रक्तचाप और खून में शर्करा की मात्र को कम किया जा सकता है। खासतौर पर प्रत्येक आधे घंटे पर पांच मिनट टहलने से खाने के बाद रक्त शर्करा में होने वाली वृद्धि में 60 प्रतिशत तक कमी आई। – कीथ डियाज, व्यवहार चिकित्सा के एसोसिएट प्रोफैसर, कोलंबिया विश्वविद्यालय

रक्तचाप में चार से पांच अंक की कमी आई

इस रणनीति से दिन भर बैठे रहने के मुकाबले रक्तचाप में भी चार से पांच अंक की कमी आई, लेकिन कम अवधि के लिए परंतु अनियमित रूप से टहलने से भी रक्त चाप में सुधार होता है। प्रत्येक एक घंटे पर एक मिनट टहलने से भी रक्तचाप में पांच अंकों की कमी देखी गई। शारीरिक स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ नियमित अंतराल पर टहलने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। अध्ययन के दौरान हमने प्रश्नावली की मदद से प्रतिभागियों की मानसिक स्थिति का भी आकलन किया। हमने पाया कि दिन भर बैठकर काम करने के मुकाबले प्रत्येक आधे घंटे पर पांच मिनट टहलने से प्रतिभागी कम थकान महसूस कर रहे थे और उनका मूड बेहतर था और इससे उन्हें अधिक ऊर्जावान बने रहने में मदद मिली। हमने पाया कि हर एक घंटे में थोड़ा सा टहलने से भी मूड बेहतर रहता है और थकान कम महसूस होती है।

क्यों है यह मायने रखता

लंबे समय तक बैठकर काम करने वाले लोग मधुमेह और हृदय सहित अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। जो लोग दिनभर बैठकर काम करते हैं, उनमें दिनभर चलने-फिरने वालों के मुकाबले उपरोक्त बीमारी की दर अधिक होती है। कम शारीरिक गतिविधि समयपूर्व मौत के खतरे भी बढ़ाती है और केवल रोजाना व्यायाम करने भर से बैठे रहने के दुष्प्रभाव को खत्म नहीं किया जा सकता। प्रौद्योगिकी विकास के कारण अमरीका जैसे देशों में कई दशकों से वयस्कों के बैठकर काम करने की अवधि लागातार बढ़ी है।

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