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अगर आप भी अपने Future को बनाना चाहते है Bright तो Paramedical में बनाएं Career

पैरामैडीकल अब बेहद महत्वपूर्ण करियर विकल्प है और पैरामैडीकल स्टाफ से इमरजेंसी मैडीकल केयर प्रोवाइडर के रूप में इनसे काम लिया जाता है। पैरामैडीकल प्राथमिक चिकित्सा एवं ट्रामा से संबंधित सर्विसेज प्रोवाइड करते हैं। अक्सर लोग पढ़ाई को लेकर कंμयूज हो जाते हैं कि वह क्या चुनें और क्या न चुनें। चूंकि यह उनके करियर से जुड़ा प्रश्न होता है, तो इसका जवाब मिलना इतना आसान भी नहीं होता है। विशेषज्ञ अक्सर यह राय देते हैं कि आपको वही स्ट्रीम चुनना चाहिए, जिसमें आपका इंटरैस्ट हो, जिसमें आप बैटर कर सकते हों। लेकिन इसमें विरोधाभास तब उत्पन्न होता है, जब आपको अपने रुचि वाले स्ट्रीम में करियर का ऑप्शन सीमति नजर आता है। ऐसे ही कम एक्सप्लोर हुआ क्षेत्र पैरामैडीकल का भी है।

बताते चलें कि पैरामैडीकल अब बेहद महत्वपूर्ण करियर विकल्प है और पैरामैडीकल स्टाफ से इमरजैंसी मैडीकल केयर प्रोवाइडर के रूप में इनसे काम लिया जाता है। पैरामैडीकल प्राथमिक चिकित्सा एवं ट्रॉमा से संबंधित सर्विसेज प्रोवाइड करते हैं। वर्तमान समय में कोरोना वायरस का प्रकोप हर जगह जारी है, ऐसे में पैरामैडीकल स्टाफ अपनी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे उनकी बड़ी जरूरत का अंदाजा साफ पता चलता है। सिर्फआज ही क्यों, हमेशा से पैरामैडीकल स्टाफ की जरूरत रहती है। मुख्य रूप से हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, टैस्ट लैबोरेट्रीज, क्लीनिक और चिकित्सा विज्ञान के दूसरे तमाम क्षेत्रों में इनकी बड़ी जरूरत रहती है। ऐसी स्थिति में एक करियर के रूप में अगर आप पैरामैडीकल एजुकेशन को चुनते हैं तो निश्चित रूप से आपको निराश नहीं होना पड़ेगा।

आंकड़ों की बात की जाए तो देश की जितनी आबादी है उसके हिसाब से इनकी उपलब्धता बेहद कम है। ज़ाहिर तौर पर चिकित्सा क्षेत्र में जैसे-जैसे निवेश बढ़ेगा, जैसे-जैसे इसकी तरफ लोगों का ध्यान केंद्रित होगा, वैसे वैसे पैरामैडीकल क्षेत्र करियर के रूप में ऊंचाइयों को छूता चला जाएगा। काम के संबंध में बात करें तो फिलहाल पैरामैडीकल क्षेत्र में फिजियोथैरेपी, डायग्नॉसिस, अल्ट्रासाऊंड, एक्सरे जैसे कार्य संपादित किए जाते हैं। अगर आप एक पैरामैडीकल प्रोफैशनल हैं, तो तमाम इमरजैंसी सैंटर्स, ब्लड डोनेशन सैंटर, फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज, लैब, क्लीनिक और दूसरे डायग्नॉसिस सैंटर में आप बेहतरीन अवसर प्राप्त कर सकते हैं। पैरामैडीकल क्षेत्र में करियर की मुख्य संभावनाओं में ये निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं :

लैब टैक्नोलॉजी
पैरामैडीकल के क्षेत्र में लैब टैक्नोलॉजी का नाम सबसे ऊपर आता है, जिसे क्लीनिकल लैबोरेटरी साइंस के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मुख्य रूप से टैक्नोलॉजिस्ट और टैक्नीशियन होते हैं। टैक्नोलॉजिस्ट ब्लड बैंकिंग, क्लीनिकल टैक्नोलॉजी, इम्यूनोलॉजी, हेमैटोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित कार्य करते हैं, जबकि मैडीकल टैक्नीशियन लैब में रूटीन टैस्ट का काम करते हैं।

रेडियोग्राफी
यह एक दूसरा क्षेत्र है, जो पैरामैडीकल शिक्षा से जुड़ा हुआ है। हम सभी जानते हैं कि रेडियोग्राफी में तमाम शारीरिक विकारों को सामने लाया जाता है। अल्ट्रासाऊंड, एक्सरे, सीटी स्कैन, एम.आर.आई. इत्यादि इसी क्षेत्र से संबंधित हैं। ऐसे में अगर आप पैरामैडीकल कोर्स पूरा कर चुके हैं तो एक रेडियोग्राफर की भूमिका निभा सकते हैं।

ऑप्टोमैट्री
इसी प्रकार एक तीसरा क्षेत्र ऑप्टोमैट्री का है। इससे आंखों का परीक्षण एवं उनकी देखभाल का कार्य किया जाता है।

माइक्रोबायोलॉजी
इसके बाद माइक्रोबायोलॉजी टैक्नोलॉजी आता है, जिसे बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें सही तरीके से रोग की पहचान और दवाओं के जरिए बीमारी का उपचार किया जाता है।

फिजियोथैरेपी
फिजियोथैरेपी पैरामैडीकल क्षेत्र में ही गिना जाता है, जिसके द्वारा लोगों के शारीरिक विकार को शारीरिक व्यायाम के माध्यम से ही दूर करने की कोशिश की जाती है। इसमें आर्थराइिटस और न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर इत्यादि फिजियोथैरेपिस्ट के माध्यम से दूर किए जाते हैं। पैरामैडीकल के क्षेत्र में इसी प्रकार स्पीच थैरेपी, आक्यूपेशनल थैरेपी क्षेत्र मुख्य रूप से काऊंट किए जाते हैं।

कैसे होता है एडमिशन?
एडमिशन की बात करें तो 12वीं के बाद इसका कोर्स कराया जाता है और इसके लिए आपको फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायलॉजी में अच्छे अंकों से 12वीं की परीक्षा पास करने की जरूरत होती है। इससे संबन्धित बड़े इंस्टीच्यूट की बात करें तो एम्स से लेकर राजीव गांधी यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ साइंसेज, बी.एच.यू. इत्यादि शामिल हैं। हालांकि, वर्तमान में कई सारे छोटे-बड़े कॉलेज और मान्यता प्राप्त संस्थान इस कोर्स को कराते हैं, जिनकी जानकारी और जिनका रिव्यू इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

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