नई दिल्ली: भारत ने मलेरिया, कालाजार, लिम्फैटिक फिलेरियासिस जैसी वैक्टर जनित बीमारियों के मामलों और मौतों के लिए निर्धारित की टार्गेट्स को प्राप्त कर लिया है। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) इन बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार है।
स्वास्थ्य मंत्रलय के अनुसार, भारत ने मलेरिया के बोझ को कम करने में काफी प्रगति की। मंत्रलय ने कहा कि देश ने 2015 से 2023 के बीच मलेरिया के मामलों में 80.53} और मलेरिया से मौतों में 78.38} की कमी हासिल की है। साल 2024 (अक्तूबर तक – अस्थायी आंकड़े) में मलेरिया के मामलों में 13.66} का वृद्धि और मलेरिया से मौतों में 32.84} की कमी आई है।
इस साल, अक्तूबर तक 23 राज्यों में निगरानी भी बढ़ा दी गई है। भारत का लक्ष्य 2030 तक मलेरिया को खत्म करना है।मंत्रलय ने आगे कहा कि 2024 में देश में कालाजार के मामलों में 22.18} की कमी आई है। अक्तूबर तक कालाजार के लगभग 421 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। वहीं, 2023 के समान अवधि में 541 मामले रिपोर्ट किए गए थे। खास बात यह है कि देश 2023 के अंत तक प्राप्त किए गए 633 एंडेमिक ब्लॉक्स में उन्मूलन लक्ष्य को बनाए रख रहा है।
उन्मूलन लक्ष्य को ब्लॉक स्तर पर प्रति 10 हजार जनसंख्या पर एक से कम मामले की वार्षिक घटना के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इसके अलावा, लिम्फेटिक फाइलेरियासिस को खत्म करने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान ने 2024 में पात्र आबादी के बीच 94} कवरेज देखा है। साल 2023 में एमडीए अभियान राष्ट्रीय स्तर पर 82} कवरेज तक पहुंच गया।